बिहार में चमकी बुखार से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. अब तक बिहार में इस बुखार से 152 लोगों की मौत हो चुकी है. चमकी बुखार की सबसे ज्यादा चपेट में बिहार का मुजफ्फरपुर जिला है, जहां के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SMKCH) में अब तक 128 बच्चों की मौत हो चुकी है. चमकी बुखार एक एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) है. आज बिहार के मुजफ्फरपुर के SMKCH अस्पताल के ICU के बाहर छत का एक हिस्सा भी गिर गया था. हालांकि इसमें किसी को कोई चोट नहीं आई है.
इस महामारी पर काबू पाने के लिए डॉक्टरों द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक इस बीमारी से मरने वालों की संख्या पर काबू नहीं पाया गया है. लगातार हो रही बच्चों की मौत से लोग सत्ता से नाराज हैं. आज बिहार के हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद पशुपति कुमार पारस और विधायक राजकुमार साह रविवार को चमकी प्रभावित हरिवंशपुर गांव पहुंचे. यहां पर बुखार पीड़ितों के परिवार वालों ने दोनों जन प्रतिनिधि को खूब खरी खोटी सुनाई. सांसद और विधायक से स्थानीय लोग काफी नाराज दिखे. इस गांव में चमकी बुखार से 5 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन अबतक कोई जनप्रतिनिधि गांव नहीं आया था, इससे लोग काफी गुस्से में थे.
विधायक राजकुमार शाह ने पीड़ित परिवारों को 5 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी और जरूरी दवाएं बांटी, तब लोगों ने उन्हें वहां से जाने दिया. लालगंज से लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) विधायक राज कुमार शाह भी इस इलाके के दौरे पर थे लेकिन उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा. लोगों की शिकायत थी कि वे क्षेत्र का दौरा नहीं करते. विरोध में उनकी गुमशुदगी के पोस्टर भी लगाए गए थे. रविवार को शाह जब गांव पहुंचे तो लोगों ने उन्हें चारों ओर से घेर लिया और कुछ देर के लिए बंधक भी बना लिया.