पश्चिम बंगाल के बीरभूम रामपुरहाट हिंसा पर बीजेपी की केंद्रीय समिति ने बुधवार को जेपी नड्डा को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. रामपुरहाट के बागतुई गांव का दौरा करने वाली टीम में 4 पूर्व आईपीएस अधिकारी और बीजेपी बंगाल अध्यक्ष सुकांत मजूमदार थे.
समिति ने अपनी फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट में 9 बिंदुओं का जिक्र किया है. जिसमें-
1. तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व में माफिया, पुलिस और राजनीतिक नेतृत्व की मिलीभगत से पश्चिम बंगाल पर शासन कर रहे हैं. कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है.
2. पश्चिम बंगाल में कानून का पालन करने वाले नागरिकों ने सरकार और टीएमसी द्वारा शासन के तरीके पर विश्वास खो दिया है.
3. बगतुई गांव में नरसंहार राज्य प्रायोजित जबरन वसूली, गुंडा टैक्स, कट-मनी और इसके अवैध लाभार्थियों के बीच प्रतिद्वंद्विता का परिणाम है.
4. बीजेपी की फैक्ट फाइंडिंग टीम के कोलकाता पहुंचने के बाद ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटनास्थल का दौरा करने का फैसला किया.
5. सीएम के दौरे के कारण, फैक्ट फाइंडिंग टीम को रोक दिया गया था और हमारी यात्रा को टीएमसी के गुंडों ने विफल कर दिया था, जो फैक्ट फाइंडिंग टीम पर हमला करने पर आमादा थे.
6. पश्चिम बंगाल पुलिस का एक भी अधिकारी/कांस्टेबल दिखाई नहीं दे रहा था, कोई भी फैक्ट फाइंडिंग टीम के बचाव में नहीं आया, जब उन पर हमला किया गया. डीजीपी और अन्य अधिकारियों से संपर्क करने के हमारे प्रयास विफल रहे.
7. पता चला है कि एसडीपीओ और पुलिस निरीक्षक घटनास्थल के पास ही मौजूद थे, लेकिन सूचना दिए जाने पर भी उन्होंने मौके का दौरा करने की जहमत नहीं उठाई. वे आग की लपटों को बुझाने के लिए दमकल की गाड़ियों को भी नहीं पहुंचने दे रहे थे. उनके समय पर हस्तक्षेप से कीमती जान बचाई जा सकती थी.
8. स्थानीय निवासियों ने अपने जीवन और संपत्ति के खतरे के डर से अपने घरों को छोड़ दिया है. इसे देखते हुए यह अनुशंसा की जाती है कि एनएचआरसी, राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय महिला एवं बाल अधिकार आयोग बगतुई गांव का दौरा करें और गांव में लोगों की उनके घरों में जल्दी वापसी के लिए विश्वास-निर्माण के उपाय करें.
9. हम दृढ़ता से अनुशंसा करते हैं कि पश्चिम बंगाल में सेवारत अखिल भारतीय सेवा अधिकारियों को उनके संवैधानिक दायित्वों का एहसास कराया जाए और केंद्र को उन्हें कड़ी चेतावनी देनी चाहिए.
बीजेपी की टीम में ये भी थे शामिल
लोकसभा सांसद सत्यपाल सिंह, राज्यसभा सांसद केसी. राममूर्ति, यूपी पुलिस के पूर्व डीजीपी बृजलाल और राष्ट्रीय प्रवक्ता भारती घोष. ये चारों पूर्व आईपीएस थे जो तथ्य खोजने वाली टीम का हिस्सा थे.
बीजेपी की फैक्ट फाइंडिंग टीम की रिपोर्ट पर भड़की ममता, साजिश बताया
ममता ने बीजेपी की रिपोर्ट को निंदनीय बताते हुए सवाल उठाए कि कैसे बिना जांच के बीजेपी की टीम ने जिम्मेदारी तय कर दी. ममता के मुताबिक, यह रिपोर्ट सीबीआई की जांच प्रक्रिया में बाधा पहुंचाएगी और सीबीआई की जांच को कमज़ोर बनाएगी. ममता ने आरोप लगाया कि इस रिपोर्ट से साफ हो रहा है कि घटना बड़ी साजिश का हिस्सा है. ममता ने यह बातें दार्जिलिंग में कही.
ममता ने कहा कि यह जांच चलने के दौरान बाधा पहुंचाने जैसा है. इसकी वजह से जांच प्रक्रिया कमजोर होगी. जांच प्रक्रिया के दौरान पार्टी द्वारा किसी भी तरह का हस्तक्षेप सही नहीं है. मैंने देखा है कि उन्होंने फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट में हमारे डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट (अनुब्रतो मंडल) का नाम लिया है, ऐसा कैसे कर सकते हैं? बगैर जांच किए कैसे मेरे डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट का नाम ले सकते हैं? इसका मतलब तो यही हुआ कि वह उसे गिरफ्तार करना चाहते हैं. जो भी विरोध कर रहा है उसको गिरफ्तार करना चाह रहे हैं. यह रवैया बिल्कुल सही नहीं है.
ममता ने कहा कि बीजेपी का रवैया बेहद नकारात्मक, विंडिक्टिव है. ममता ने घटना के बाद आरोप लगाया था कि इसके पीछे बड़ी साजिश है. आज साजिश की जिम्मेदारी बीजेपी पर तय करते हुए ममता ने फिर कहा कि बीजेपी की इस रिपोर्ट से साबित होता है कि इसके पीछे बड़ी साजिश है, जबकि हम जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं और कल जो गिरफ्तारी हुई है हमारी पुलिस ने ही की है.
ममता ने बीजेपी पर हमला जारी रखते हुए आज फिर यूक्रेन मसले पर प्रधानमंत्री पर हमला बोला कहा कि 17000 छात्रों की जिंदगी का सवाल है, हमने केंद्र सरकार से रिक्वेस्ट की थी कि हम उन्हें पढ़ाई का अवसर देना चाहते हैं लेकिन उन्होंने ना कर दिया है.
क्या है बीरभूम हिंसा
21 मार्च को रामपुर हाट में, अज्ञात लोगों ने कुछ घरों में आग लगाकर 8 लोगों की हत्या कर दी थी. इस मामले में स्थानीय पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार करने का दावा किया था. हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए, CBI को इस मामले की जांच के आदेश दे दिए थे. सीबीआई ने इस मामले में 21 लोगों को आरोपी बनाया है.
ये भी पढ़ें