भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार विधायक बनीं रेखा गुप्ता को दिल्ली का मुख्यमंत्री बना दिया है. यह ठीक वैसा ही कदम है, जैसा राजस्थान में भजनलाल शर्मा के मामले में देखा गया था. रेखा गुप्ता ने शालीमार बाग विधानसभा सीट से जीत दर्ज कर न सिर्फ अपना चुनावी इतिहास बदला, बल्कि दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बनने का गौरव भी हासिल किया.
तीन बार पार्षद और एक बार मेयर रह चुकीं रेखा गुप्ता ने 2015 और 2020 में भी विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन तब उन्हें आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार वंदना कुमारी से हार का सामना करना पड़ा था. इस बार उन्होंने शालीमार बाग विधानसभा सीट से 29,000 से ज्यादा वोटों के अंतर से वंदना कुमारी को हराकर शानदार जीत दर्ज की. लिहाजा 2025 में रेखा गुप्ता को शालीमार बाग से जीत भी मिली और सीएम की कुर्सी भी मिल गई.
राजनीति में लंबा अनुभव
रेखा गुप्ता का राजनीतिक सफर छात्र राजनीति से शुरू हुआ था. 1996-97 में वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के टिकट पर दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की अध्यक्ष बनीं. इसके बाद 2007 में उत्तरी पीतमपुरा (वार्ड 54) से पार्षद चुनी गईं और 2012 में फिर से उसी सीट पर फिर से जीत दर्ज कर पार्षद बनीं. उनका संगठनात्मक अनुभव और लंबे समय से पार्टी से जुड़ाव ही उनकी इस ताजपोशी का आधार बना.
महिला नेतृत्व को बढ़ाने की कोशिश
रेखा गुप्ता देश में अब तक की 18वीं महिला मुख्यमंत्री बनी हैं और भारतीय जनता पार्टी की ओर से यह उपलब्धि हासिल करने वाली पांचवीं महिला नेता हैं. इससे पहले उमा भारती, सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और आनंदीबेन पटेल भाजपा की महिला मुख्यमंत्री रह चुकी हैं.
दिल्ली की राजनीति में महिला नेतृत्व की भूमिका
अगर आम आदमी पार्टी आतिशी को नेता प्रतिपक्ष बनाती है, तो दिल्ली विधानसभा में सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों की कमान महिलाओं के हाथ में होगी. इससे दिल्ली की राजनीति में महिला नेतृत्व की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाएगी.