भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने दिल्ली इकाई की चुनाव समिति और कोर समूह की रविवार को घोषणा कर दी. दोनों निकायों में अलग-अलग धड़ों के नेताओं को समान अनुपात में शामिल करने का प्रयास किया.
दिल्ली में विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल के खिलाफ असंतोष को समाप्त करने की प्रक्रिया में संतुलित रुख अपनाया. चुनाव समिति और चुनाव के कोर समूह, दोनों के ही प्रमुख गोयल होंगे. गोयल के समर्थकों ने कहा कि दोनों टीमों के प्रमुख होने के नाते निर्णय लेने में अंतिम भूमिका उनकी होगी, लेकिन उनके विरोधियों ने दावा किया कि उनके पर कतरे गये हैं. चुनाव समिति में 17 सदस्य हैं और सात विशेष आमंत्रित सदस्य हैं. समिति में वी के मल्होत्रा, ओपी कोहली, मांगेराम गर्ग, हषर्वर्धन, विजेंद्र गुप्ता, जगदीश मुखी, रमेश विधूड़ी, आरपी सिंह और प्रवेश वर्मा शामिल हैं.
54 सदस्यी चुनाव कोर समूह में उक्त नामों के साथ मदन लाल खुराना, आरती मेहरा, विजय जॉली, वाणी त्रिपाठी और मीनाक्षी लेखी आदि के नाम हैं. गोयल विरोधी खेमे के एक नेता ने कहा, 'गोयल चुनाव समिति और कोर समूह के गठन के खिलाफ थे और एक तरह से उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर किया गया. दिल्ली के चुनाव प्रभारी नितिन गडकरी ने वरिष्ठ बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज, अरण जेटली और पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह से मुलाकात कर सलाह-मशविरा किया था, जिसके बाद टीम का गठन किया गया.'
दिल्ली भाजपा के अधिकतर वरिष्ठ नेताओं के गोयल के साथ कुछ-कुछ मतभेद हैं और इन नेताओं को लगता है कि विजय गोयल पार्टी को साथ लेकर नहीं चल रहे. गडकरी ने दोनों समितियों के 'प्रतिनिधि चरित्र' पर जोर देते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलकर काम करने को कहा. उन्होंने कहा कि वह दिल्ली की जनता को आश्वासन देते हैं कि बीजेपी संगठित पार्टी की तरह जाति, धर्म और लिंग आदि के आधार पर भेदभाव नहीं करते हुए जनता की सेवा करेगी. बीजेपी ने इस सूची में पंजाबियों, व्यापारी समुदाय और पूर्वांचल के लोगों को उचित अनुपात में शामिल करने का प्रयास किया है.