इस बार विधानसभा चुनाव में बीजेपी की निगाह दिल्ली के दलित वोट बैंक पर है. रामलीला मैदान में दलितों की रैली में पार्टी ने उन्हें लुभाने की हर कोशिश की. बीजेपी ने एक सोची समझी रणनीति के तहत दलितों के मसीहा अंबेडकर को अपने पोस्टरों में जगह देने की शुरुआत की है. कुछ दलित चेहरे भी पार्टी से पहले ही जुड़ चुके हैं.
रामलीला मैदान में सोमवार को देश भर से दलित जुटे. इस जनसैलाब को बीजेपी से जोड़ने की जिम्मेदारी पार्टी के सांसद और दलित परिसंघ के अध्यक्ष उदित राज पर है. दलितों के अधिकारों और सम्मान के लिए बुलाई गई इस रैली में बीजेपी ने उनका दिल जीतने का हर दांव चला.
दलित परसंघ की इस रैली में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को भी शामिल होना था लेकिन आखिर समय में उनका आना रद्द हो गया. दलितों का वोट दिल्ली में बहुत मायने रखता है यही वजह है कि उनके बारे में बातें केजरीवाल भी करते हैं और बीजेपी भी करती है.
दिल्ली के पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के दलित वोट बैंक में डाका डाल दिया था. अब बीजेपी दलित हित की बात कर रही है. पार्टी 20 दिसंबर से दिल्ली की 45 वाल्मीकि बस्तियों में सफाई अभियान भी चलाएगी, जिसमें बीजेपी के सांसद दलितों की बस्ती में झाडू लगाएंगे.