दिल्ली में सरकार को लेकर बीजेपी नेता हर्षवर्धन का बयान दिया है कि उनकी पार्टी दिल्ली में सरकार नहीं बनाएगी. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी फिर से चुनाव में जाने को हैं तैयार है.
सरकार बनाने के लिए बीजेपी को बुलाएंगे एलजी
बताया जा रहा है कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते उपराज्यपाल बीजेपी को सरकार बनाने के लिए बुलाएंगे. हालांकि केजरीवाल ने विधानसभा भंग करने की सिफारिश की है लेकिन एलजी उसे मानने के लिए बाध्य नहीं हैं. एलजी बीजेपी से बात करने के बाद ही इस संबंध में कोई फैसला लेंगे.
इससे पहले दिल्ली विधानसभा में केजरीवाल के भाषण के बाद बीजेपी नेता हर्षवर्धन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर कड़ा हमला बोला. उन्होंने कहा 'मैं आपके सामने सच रखना चाहता हूं. कल सारा दिन दिल्ली की विधानसभा में आम आदमी पार्टी को छोड़ बाकी सभी दलों के विधायकों ने दिल्ली के कानून मंत्री के अमर्यादित व्यवहार के खिलाफ कॉल अटेंशन मोशन और इसके साथ साथ उनकी बर्खास्तगी और इस पर चर्चा के संदर्भ में दिनभर एकमत होकर अपनी आवाज को जनता के हित में बुलंद किया. लेकिन शाम को दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल जी ने, झूठ की पराकाष्ठा पार की. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी और बीजेपी को अंबानी जी ने मिलवा दिया.
पहली बात, उनके इस झूठ के स्वभाव को सारा देश समझ चुका है. इसलिए उनके किसी भी झूठ का जवाब देना न आवश्यक है, न उचित है और न इमरजेंसी है. वर्ना हम कल ही दे देते. हमारा ये कहना है कि बीजेपी को अगर कांग्रेस पार्टी ने भी कल समर्थन किया. तो वह बीजेपी को समर्थन नहीं था. वो भी हमारी तरह सोमनाथ भारती के अमर्यादित आचरण की आलोचना कर रहे थे और उसकी बर्खास्तगी की मांग कर रहे थे.
अंबानी साहब को कौन फायदा पहुंचाना चाहता है, ये आज साफ हो गया. हमने देखा कि पहले तो केजरीवाल जी ने अंबानी जी की कंपनी को, एक तरफ लोगों को कहा कि बिजली के दाम कम करेंगे. लेकिन छह से आठ फीसदी सरचार्ज दाम बढ़ाने की छूट दी और आज वही अंबानी जी की बिजली के लिए हमारे आपके खून पसीने की कमाई का पैसा, जो विकास के लिए था. सफाई कर्मचारियों के उत्थान के लिए था. उस 372 करोड़ रुपये को भी अंबानी जी की बिजली कंपनी को देने के लिए बिल लाकर कानूनी तरीके से पास कराया.
मैं ये समझता हूं कि देश की जनता को ये पर्याप्त मात्रा में स्पष्ट हो गया होगा. कहता क्या है, करता क्या है. टीवी पर क्या बोलता है और पर्दे के पीछे क्या सांठगांठ करता है. हमारा ये कहना है कि दिल्ली के सीएम श्री अरविंद केजरीवाल झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाना बंद करें. राजनीति में शुचिता की बात करते हैं, तो पारदर्शी ढंग से राजनीति करें.
दूसरी बात जो हम स्पष्ट करना चाहते हैं क्योंकि सारी बात विधानसभा में औऱ टीवी चैनल्स के जरिए स्पष्ट करने के बावजूद जब आप दो घंटे बाद उन्हें टीवी पर सुनेंगे, तो वह फिर झूठ बोलेंगे. वह कहेंगे कि बीजेपी जनलोकपाल बिल विरोधी है. मैं ऑन रेकॉर्ड दिल्ली की जनता को कहना चाहता हूं कि हम बीजेपी के विधायक जनलोकपाल बिल के पक्ष में अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी से सौ गुना ज्यादा पक्षधर हैं. इस दिल्ली में अगर लोकायुक्त संस्था चलती है, जिसने पिछली मुख्यमंत्री शीला जी के खिलाफ भी कई फैसले दिए. उस लोकायुक्त को बीजेपी की दिल्ली सरकार ने बनाया था. मदन लाल खुराना जी मुख्यमंत्री थे और मैं स्वास्थ के साथ कानून मंत्री था. मैंने ही सदन में वह पेश किया था.
अगर हमारी पार्टी जनलोकपाल बिल विरोधी होती, तो उत्तराखंड में हमारी पार्टी के सीएम खंडूरी जी इसे देश में सबसे पहले पेश न करते. अगर हमारी पार्टी जनलोकपाल बिल के पक्ष में न होती, तो लोकसभा में बने इस कानून को हमारी पार्टी का व्यापक समर्थन न मिलता. आडवाणी जी. सुषमा जी. जेटली जी, सभी ने इसका सपोर्ट किया था.
हमने पहले भी कहा था. आज भी कहा. कानून बनाने के लिए कानून का, संविधान का अपमान, हम किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे. आज दिल्ली के माननीय उपराज्यपाल ने स्पष्ट संदेश दिया विधानसभा में, कि अगर जनलोकपाल बिल लाना है, तो कानूनी प्रक्रिया को पूरा करना होगा.
मेरा केजरीवाल जी को सुझाव है कि अगर वह मुख्यमंत्री रहने वाले हैं. मुझे नहीं पता कि वह रहने वाले हैं या नहीं. उन्होंने कहा था कि जनलोकपाल बिल पास नहीं हुआ, तो वह इस्तीफा देंगे. मैं उनसे कहना चाहता हूं कि अगर वह सभी संवैधानिक प्रक्रियाओं के साथ सदन में जनलोकपाल बिल लेकर आएंगे. हम बीजेपी के विधायक उनकी पार्टी से ज्यादा ताकत के साथ उसे दिल्ली का कानून बनाएंगे.
अब कुछ घंटों बाद वह दिल्ली और देश की जनता के सामने झूठ बोलने की कोशिश न करें. वह एक झूठ बोलेंगे तो हम उनके दस झूठ उजागर करेंगे.