ऐसा लगता है कि दिल्ली के बीजेपी नेताओं को सीएम केजरीवाल के मुंह से मोदी का नाम सुनने की आदत हो गई है. अगर केजरीवाल पीएम मोदी को ना कोसें, तो वो परेशान होने लगते हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 12 दिन बाद विपश्यना से लौटे हैं. तब से अपने एक भी बयान या भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम नहीं लिया है.
दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता अश्विनी हैं हैरान
अब इस बात से दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय इतने हैरान-परेशान हैं कि उन्होंने सवाल ही पूछ लिया, आखिर जो केजरीवाल बात-बात पर मोदी को कोसते थे, हर बात के लिए मोदी को जिम्मेदार ठहराते थे, आखिर वो मोदी का नाम क्यों नहीं ले रहे हैं.
क्या केजरीवाल पर पड़ा है विपश्यना का असर?
अश्विनी उपाध्याय ने अपने एक ट्वीट में लिखा है, 'पिछले दो दिनों से दिल्ली के मुख्यमंत्रीजी ने प्रधानमंत्रीजी का नाम नहीं लिया? यह विपश्यना का असर है या AAP विधायक के घर मिले 130 करोड़ के कालेधन का.' वैसे हैरान और भी लोग हैं क्योंकि केजरीवाल के भाषण में भी ये बात नजर आई.
पिछले 2दिन से दिल्ली के मुख्यमंत्रीजी ने प्रधानमंत्रीजी का नाम नहीं लिया?यह विपश्यना का असर है या आआपाविधायक के घर मिले130करोड़ के कालेधन का
— Ashwini Upadhyay (@AshwiniBJP) August 13, 2016
जब केजरीवाल ने नहीं लिया PM मोदी का नाम
विपश्यना से लौटने के बाद नजफगढ़ में एक कार्यक्रम में पहुंचे केजरीवाल का शनिवार को पहला सार्वजनिक कार्यक्रम था. इस कार्यक्रम में उन्होंने जोरदार भाषण भी दिया. ऐसा लगा भी कि वो रिचार्ज हो कर आए हैं, लेकिन खास बात ये रही कि उन्होंने अपने करीब 20 मिनट के भाषण में एक बार भी मोदी का नाम नहीं लिया.
'आसान नहीं AAP सरकार के लिए काम करना'
ऐसा नहीं कि उनके तेवर या भाषा में कोई बदलाव आया हो, उन्होंने इशारे-इशारे में कहा भी कि दिल्ली में काम करना उनकी सरकार के लिए आसान नहीं है क्योंकि ऊपर बड़े-बड़े गुंडे बैठे हैं, लेकिन किसी का नाम नहीं लिया. डीडीए के बहाने केंद्र सरकार पर निशाना भी साधा. पुराने तजुर्बे को देखें, तो यह बात हैरान करने वाली है.