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विपक्ष के नेता ने केजरीवाल को बताया गैंगस्टर, कहा विधानसभा में घेरेंगे

दिल्ली सरकार ने 8 से 11 अगस्त तक दिल्ली विधानसभा का सत्र बुलाया है, जिसमें खासतौर पर उन तीन बिलों को फिर से पेश किया जाएगा, जो कमियों के चलते केंद्र सरकार के पास से वापस आ गए थे.

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

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दिल्ली विधानसभा का सत्र 8 अगस्त से शुरू हो रहा है. चार दिनों के इस सत्र के इस बार भी हंगामेदार रहने के आसार हैं. विपक्ष ने सरकार के खिलाफ सत्र से पहले ही मोर्चा खोल दिया है और आरोपों की झड़ी लगा दी है. विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गैंगस्टर तक कह डाला है.

गुप्ता के मुताबिक दिल्ली सरकार और उसके अफसरों के बीच एक गैंगवार सी छिड़ी हुई है. सरकार के मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अफसरों को धमका रहे हैं. उन पर दबाव बनाया जा रहा है. पूरी सरकारी मशीनरी में एक भय का माहौल है और इन सबके सरगना खुद सीएम केजरीवाल हैं. गुप्ता ने कहा कि सत्र सिर्फ दिखावे के लिए बुलाया जाता है, क्योंकि सरकार नियमों और संवैधानिक परंपराओं के खिलाफ काम करती है.

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गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने 8 से 11 अगस्त तक दिल्ली विधानसभा का सत्र बुलाया है, जिसमें खासतौर पर उन तीन बिलों को फिर से पेश किया जाएगा, जो कमियों के चलते केंद्र सरकार के पास से वापस आ गए थे. हालांकि पहले दिल्ली सरकार की तरफ से बिल लौटाने की बात को केंद्र का अडंगा बताया गया था और कहा गया था कि केंद्र सरकार जानबूझ कर दिल्ली विधानसभा के पारित किए गए बिलों को मंजूरी नहीं दे रही है.

अब दिल्ली सरकार ने केंद्र के सुझावों के मुताबिक बिलों में बदलाव का मन बनाया है. हालांकि विपक्ष अब भी इसे दिल्ली सरकार की नौटंकी करार दे रहा है और सत्र को राजनीतिक फायदे के लिए बुलाने का आरोप लगा रहा है. आइए आपको बताते हैं कि सत्र से ठीक पहले विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने किन मुद्दों को लेकर केजरीवाल पर आरोप लगाए हैं.

- दिल्ली सरकार सिर्फ झूठी वाहवाही के लिए योजनाओं का ऐलान करती है.

- दिल्ली के मुख्यमंत्री एक गैंगस्टर की तरह काम कर रहे हैं. बदले की भावना और क्रिमिनल मानसिकता से काम कर रहे हैं.

- विधानसभा कमेटी के जरिए मिस यूज ऑफ पावर हो रहा है.

- हाईकोर्ट ने प्रीविलेज कमेटी के प्रोसेस पर ही सवाल उठाए हैं.

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- दिल्ली के मुख्यसचिव के खिलाफ प्रिविलेज का मामला चलाने के लिए सीएम ने साइन किए हैं.

- चुनाव आए तो बवाना को स्मार्ट बनाने की याद आई, ये आचार संहिता का उल्लंघन है.

- दवाइयों की खरीद को सेंट्रलाइज किया गया, वाहवाही ली और अब नया आदेश निकाल दिया कि बड़े हॉस्पिटल अपनी दवाइयां खुद खरीदें.

- सीएम ने खुद माना है कि दवाइयों के मामले में अस्पतालों में बुरा हाल है, फिर आप किस बात के लिए अपनी तारीफ कर रहे थे.

- मोहल्ला क्लीनिक के लिए अस्पतालों को फेल किया और अब मोहल्ला क्लीनिक भी फेल हो गए.

- भ्रष्टाचार बढ़ रहा है और सरकार में बैठे लोग इसमें शामिल हैं.

 

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