दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सोमवार को एलजी सचिवालय तक हुए आम आदमी पार्टी के मार्च को नौटंकी बताया है. विजेन्द्र गुप्ता ने उपराज्यपाल से मांग की है कि वो सीसीटीवी कैमरों को लेकर मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के भ्रष्टाचार और केन्द्र-उपराज्यपाल के गरिमामय पद को बदनाम करने का जवाब दें.
गुप्ता ने आरोप लगाया कि वर्तमान स्थिति के लिए आम आदमी पार्टी और केजरीवाल सरकार पूरी तौर पर जिम्मेदार है. गुप्ता ने एलजी सचिवालय तक AAP के मार्च को मुख्यमंत्री का गैरजिम्मेदाराना रवैया बताते हुए निंदा की और कहा कि चुनाव के वक्त दिल्ली में 10 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने का वादा कर सत्ता में आई पार्टी इतना समय गवांने के बाद अब अचानक जाग उठी है.
गुप्ता ने आरोप लगाया कि "आम आदमी पार्टी मोहल्ला क्लीनिक के मुद्दे पर ऐसी ही नौटंकी कर चुकी है. उस समय मंत्रियों और विधायकों ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को राजनिवास में ही 'बंधक' बना लिया था लेकिन इस बार पुलिस की सतर्कता के चलते उनकी सारी चालें नाकाम हो गई."
विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने उपराज्यपाल के बातचीत का प्रस्ताव ठुकराकर यह सिद्ध कर दिया है कि वे सीसीटीवी कैमरे के मुद्दे का कोई हल निकालना ही नहीं चाहते और इस मुद्दे को लेकर केवल राजनीति कर रहे हैं क्योंकि सीएम केजरीवाल का असली मकसद बीजेपी और केन्द्र के उपर अपनी असफलता का ठीकरा फोड़ना है.
विजेन्द्र गुप्ता ने आरोप लगाते हुए कहा, 'सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना भ्रष्टाचार से जुड़ा है. उन्होंने उपराज्यपाल से अनुरोध किया कि वे इस बात की एसीबी से जांच करवाएं कि जिस योजना पर अक्टूबर 2015 में 130 करोड़ रुपये खर्च होने थे उसे नवम्बर 2017 में बढ़ाकर 571.4 करोड़ क्यों कर दिया गया और क्यों कैबिनेट की मंजूरी से पहले ही प्रस्ताव आमंत्रित किये गये जबकि सरकारी प्रक्रिया में कभी भी काम सौंपने के बाद उसकी कैबिनेट से स्वीकृति नहीं ली जाती.'
विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि इस साल मार्च में हुई विधानसभा की बैठक में प्रश्नों का जवाब देते हुए पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येन्द्र जैन ने उपराज्यपाल की भूमिका का कोई जिक्र तक नहीं किया और न इस बात की जानकारी दी थी कि कोई फाईल उपराज्यपाल को भेजी भी गई थी.