दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने केजरीवाल सरकार द्वारा जारी आउटकम बजट का जिक्र करते हुए कहा यह उनकी विफलताओं को छिपाने का एक जरिया बनाया गया है. उन्होंने कहा कि 2015 में विधानसभा चुनाव से पूर्व केजरीवाल सरकार ने मुफ्त वाई-फाई देने का वायदा कर दिल्ली की जनता के वोट पाकर 70 में से 67 सीटें प्राप्त कर प्रचंड बहुमत हासिल किया था, लेकिन 5 साल में केजरीवाल सरकार ने वाई-फाई के लिए कोई काम नहीं किया और अब 30 सितंबर 2020 को नई डेडलाइन तय कर दिल्लीवासियों को नया सपना दिखाकर फिर चुनाव में जाने की तयारी कर रही है.
विजेंद्र गुप्ता ने वाई-फाई को लेकर केजरीवाल सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए मेट्रो-बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा सुविधा पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल के पास कोई विजन नहीं है. वे रात को जो सपने देखते हैं सुबह उठकर बोल देते हैं. जमीन पर इस तरह कोई योजना लागू हो पाएगी या नहीं उसकी वास्तविकता से उनका कोई लेना देना नहीं है. जिस तरह फ्री वाई-फाई की सुविधा 5 सालों में नहीं दे पाए उसी तरह महिलों को भी मेट्रो और बसों में फ्री यात्रा नहीं दे पाएंगे.
'70 वादों में से एक भी पूरा नहीं हुआ'
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने आम नागरिकों के लिए सस्ता खाना उपलब्ध कराने के लिए 'आम आदमी कैंटीन' योजना का बड़े जोर-शोर से प्रचार किया था, लेकिन धरातल पर यह योजना कहीं नजर नहीं आती. केजरीवाल सरकार ने 2015 के विधानसभा चुनाव से पहले 70 वायदे किए थे, जिनमें से एक भी वायदे ठीक तरह से पूरा नहीं हुआ. दिल्ली में एक भी नया स्कूल और कॉलेज नहीं बना. 5 सालों में दिल्ली सरकार का ढाई लाख करोड़ रुपये का बजट होता है. दिल्ली की जनता खुद समझ सकती है कि केजरीवाल सरकार कितना विकास कर पाई है और अब नए सिरे से वादे किए जा रहे हैं.