दिल्ली के केवल पार्क इलाके में आग लगने से 2 बच्चों की मौत के मामले में भारतीय जनता पार्टी के नेता विजेंद्र गुप्ता ने न्यायिक जांच की मांग की है. दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया है कि घटना स्थल पर फायर ब्रिगेड एक घंटे की देरी से आई.
उन्होंने कहा कि यदि फायर ब्रिगेड की गाड़ियां घटना की सूचना मिलते ही स्थल पर पहुंच जाती तो दोनों बच्चों को बचाया जा सकता था. गुप्ता ने इस तरह की दिल्ली में घट रही आग लगने की घटनाओं के कारण हुई मौतों और नुकसान के लिए दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए जिम्मेदार ठहराया और सीएम केजरीवाल का इस्तीफा मांगा है. गुप्ता ने कहा कि आग लगने की घटनाओं की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए सीएम केजरीवाल को इस्तीफा देना चाहिए.
विजेंद्र गुप्ता ने इस घटना की न्यायिक जांच की मांग करते हुए कहा कि जो कोई भी दोषी पाया जाए उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. गुप्ता ने कहा कि पिछले 23 दिन में इस तरह की लापरवाही की यह दूसरी घटना है. 13 अप्रैल 2018 को दिल्ली के पीतमपुरा क्षेत्र में फायर स्टेशन से महज़ 700 मीटर दूरी पर कोहाट एन्क्लेव की 4 मंजिला बिल्डिंग में रहने वाले एक ही परिवार के 4 सदस्य स्टिल्ट पार्किंग में आग लगने के कारण दम घुटने और झुलस जाने से मारे गए थे और पार्किंग में खड़ी सभी गाड़ियां जल कर राख हो गईं. वहां भी फायर बिग्रेड की गाड़ियां 45 मिनट देरी से पहुंची थीं.
विजेंद्र गुप्ता ने आंकड़े जारी करते हुए कहा कि दिल्ली में आग लगने की दुर्घटनाएं दिनोंदिन बढ़ती जा रही हैं जिसमें जानमाल का भी नुकसान हो रहा है. 20 जनवरी 2018 को बवाना में एक पटाखा फैक्ट्री में लगी भीषण आग में 17 लोग मारे गए थे. इसी तरह 9 मार्च 2018 दिल्ली के सुल्तानपुरी व चांदनी चैक क्षेत्रों में लगी आग की घटनाओं में पांच लोग मारे गए थे और 10 लोग घायल हो गए थे.
सरिता विहार , स्वरूप नगर सहित दिल्ली में चार अलग-अलग घटनाओं में आग लगने के कारण चार लोगों की मृत्यु हो गई थी. 1 मई 2018 दिल्ली के मंगोलपुरी क्षेत्र में एक नेल पॉलिश फैक्ट्री में लगी आग के कारण एक आदमी की मौत हो गई थी और 2 लोग घायल हो गए थे. गुप्ता ने बढ़ रही आग की दुर्घटनाओं से सबक लेते हुए भवन निर्माण नियमों में पुनर्विचार करने को समय की जरूरत बताते हुए कहा कि भवन निर्माण दिशा-निदेर्शों में बदलाव कर ऐसे उपाय किए जाएं जिससे इस तरह की दुर्घटनाओं से बचा जा सके.