दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि उन्हें विधानसभा में बोलने नहीं दिया गया. उनका आरोप है कि दिल्ली में पानी की कमी तथा दूषित पानी की सप्लाई से त्राहि-त्राहि पर वो विधानसभा में काम रोको प्रस्ताव लेकर आए थे. इस दौरान उन्हें बोलने का मौका मिला.
उन्होंने कहा कि हिटलरी रवैया अपनाते हुए उन्हें मार्शलों के द्वारा सदन से बाहर करवा दिया गया. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार कम और गंदे पानी की सप्लाई पर चर्चा से भाग रही है.
विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के कहने पर सरकार ने पानी की सप्लाई जैसी आधारभूत समस्या पर चर्चा से भागकर यह सिद्ध किया कि वह दिल्लीवासियों की ज्वलंत समस्याओं से मुंह मोड़ रही है.
उन्होंने कहा कि यह अत्यंत दुख का विषय है कि सरकार ने 16 मार्च से प्रारम्भ हुए इस सदन में आज तक पानी की सप्लाई पर एक दिन भी चर्चा करना मुनासिब नहीं समझा.
विपक्ष के नेता ने कहा कि सरकार ऐसे विषयों पर कई दिन और कई घंटे व्यतीत करना मुनासिब समझती है, जो उसके अधिकार क्षेत्र तक में नहीं आते. परन्तु वह जनहित के मुद्दों से बचना चाहती है. आज जब उन्होंने इस समस्या पर सदन में काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा करवानी चाही तब भी सरकार का यही रवैया रहा.