दिल्ली विधानसभा में विधायकों की सैलरी बढ़ाने की मांग का बीजेपी ने विरोध किया है. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने सोमवार को कहा कि 'जनप्रतिनिधित्व एक समर्पण है, एक सेवा है और इसके माध्यम से मिलने वाले वेतन एवं भत्तों पर कोई व्यक्ति अपना पारिवारिक जीवनयापन निर्भर नहीं रख सकता.'
तिवारी ने आरोप लगाया कि दिल्ली में सफाईकर्मियों के वेतन जैसे मद के लिए पैसे की कमी है पर आम आदमी पार्टी विधायकों के वेतन बढ़ाने के लिए प्रयास कर रही है. तिवारी ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व एक सीमित काल के लिए होता है और जरूरी नहीं कि जनता 5 साल बाद फिर आपको चुनेगी ही या राजनीतिक दल आपको 5 साल बाद टिकट देगा ही और इसलिए जनप्रतिनिधित्व को एक स्थाई पेशे की तरह नहीं देखा जाना चाहिए.
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बीजेपी ने आरोप लगाया कि त्याग और मितव्ययिता के साथ लोकसेवा का संकल्प लोगों के सामने रखकर सत्ता में आई आम आदमी पार्टी की सरकार एवं विधायक जब से सत्ता में आए हैं तब से वो लगातार अपने वेतन और भत्तों में बढ़ोत्तरी के लिए कोशिश कर रहे हैं जबकि दूसरी ओर नगर निगमों के कर्मचारियों, खासतौर पर सफाई कर्मचारियों के वेतन भत्तों के लिए आवश्यक फंड देना हो या फिर दिल्ली के स्कूलों के लिए शिक्षकों की व्यवस्था, किसी भी मामले में केजरीवाल सरकार जरूरी पैसा नहीं दे रही है.
आखिर में मनोज तिवारी ने कहा कि 'दिल्ली में सफाईकर्मियों के वेतन जैसे मद के लिये पैसे की कमी है पर आम आदमी पार्टी अपने विधायकों के वेतन बढ़ाने के लिए प्रयास कर रही है बीजेपी सरकार इसकी कड़ी निंदा करती है.'