सैलरी को लेकर सफाई कर्मचारी हड़ताल पर हैं. सफाई कर्मचारी सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन इसको लेकर सियासत कम नहीं हो रही है. बीजेपी ने इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार की गंदी राजनीति के चलते पूर्वी दिल्ली नगर निगम में सफाई कर्मियों की हड़ताल हुई है.
हड़ताल का असर पुर्वी दिल्ली के इलाकों में दिखने लगा है लेकिन मसला कैसे और कब सुलझेगा? ये फिलहाल किसी को पता नहीं. बीजेपी इसके लिए केजरीवाल सरकार को ही घेर रही है. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल जानबुझकर नगर निगम को उनके हिस्से का फंड नहीं दे रही है. इस बीच हड़ताल की वजह से दिल्ली की सड़कों पर कूड़े का अंबार लग गया है. कर्मचारियों की हड़ताल के चलते सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. अधिकतर क्षेत्रों में टिपलर चालकों ने लोगों के घरों से कूड़ा लेकर ढलाव घरों में डाला लेकिन ढलाव घरों से कूड़ा नहीं उठाए जाने के कारण लोगों की मुसीबत बढ़ गई है.
बीजेपी का कहना है कि संयुक्त नगर निगम के बंटवारे के समय से ही यह सबको मालुम था कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम आर्थिक संसाधनों के मामले में पूरी तरह पिछड़ा हुआ है. इसी के चलते दिल्ली सरकार ने यह विश्वास दिलाया था कि पूर्वी निगम को लगभग 250 करोड़ रुपये स्थापना फंड तो मिलेगा ही. साथ ही समय-समय पर दिल्ली सरकार आवश्यक आर्थिक संसाधन भी देगी. लेकिन जब से पुर्वी दिल्ली नगर निगम बनी है. तब से लेकर अब तक लगातार सरकारों ने राजनीति खेलते हुए पूरे संसाधन नहीं दिए हैं.
बीजेपी ने आरोप लगाया कि दो वर्ष से केजरीवाल सरकार ने तीनों नगर निगमों के आर्थिक संसाधनों के मामले में राजनीति खेली, ताकि उनके कार्य कमजोर पड़ें. 2016 के प्रारम्भ में भी केजरीवाल सरकार ने आज ही की तरह निगम फंड रोके थे. जिसके चलते कर्मचारियों की हड़ताल हुई थी. मनोज तिवारी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार बीजेपी शासित नगर निगमों को बदनाम करने के लिए हर 6 माह बाद आर्थिक संसाधनों को लेकर राजनीतिक खिलवाड़ करती है.