लगभग 6 महीने के राष्ट्रपति शासन के बाद दिल्ली में एक बार फिर सरकार बनने की उम्मीदें जगी हैं. दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी को सरकार बनाने का मौका मिल सकता है. सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही है कि लेफ्टिनेट गवर्नर नजीब जंग ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने सबसे बड़े दल को सरकार बनाने का मौका देने की अनुमति मांगी है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एलजी के इस पत्र को राष्ट्रपति ने सुझाव के लिए गृह मंत्रालय के पास भेजा है. गृहमंत्रालय सभी पहलुओं पर मंथन कर रहा है.
हरकत में आई बीजेपी
एलजी की चिट्ठी के बाद बीजेपी भी हरकत में आ गई है. राजनाथ सिंह से नितिन गडकरी ने मुलाकात की. इससे पहले गडकरी दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष सतीश उपाध्यक्ष और राज्य प्रभारी प्रभात झा से मिले. सूत्रों ने बताया है कि बीजेपी सरकार तो बनाना चाहती है पर वह जोड़ तोड़ के खिलाफ है.
दिल्ली में सरकार बनाने के तीन विकल्प
अगर एलजी की चिट्ठी को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल जाती है तो दिल्ली में सरकार बनाने के लिए तीन विकल्प होंगे. वैसे सूत्र बता रहे हैं कि एलजी दिल्ली विधानसभा का संयुक्त अधिवेशन बुला सकते हैं.
आपको बता दें कि शिरोमणी अकाली दल के एक सीट को शामिल कर बीजेपी के कुल 32 सीटें हैं. इनमें से तीन विधायक लोकसभा के लिए चुन लिए गए हैं. वहीं आम आदमी पार्टी के पास 27 सीटें हैं. 70 सीटों की विधानसभा में कांग्रेस के 8, जेडीयू के एक और दो निर्दलीय विधायक हैं.
इस खबर पर दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने 'आज तक' से कहा, 'मुझे भी इसकी जानकारी आज सुबह मिली. इस संबंध में हमारे पास कोई प्रस्ताव नहीं आया है और ना ही कोई जानकारी मिली है. हमारे पास कुल 29 विधायक हैं. हमनें कभी दावा नहीं किया है कि हमें सरकार बनाने का मौका मिले. अगर एलजी को लगता है कि बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते यह जिम्मेदारी निभा सकती है तो प्रस्ताव आने के बाद हमारी पार्टी विचार करेगी. हम किस तरह से दिल्ली की जनता की सेवा कर सकते हैं. इन पहलुओं पर चर्चा होगी.'
वैसे आम आदमी पार्टी दिल्ली में फिर से चुनाव के पक्ष में है. वहीं कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि अगर ऐसा होता है तो वह विश्वास मत पारित नहीं होने देंगे. वैसे अब सबकी नजर सुप्रीम कोर्ट पर भी टिकी है. आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में जल्द चुनाव करवाने को लेकर एक याचिका दाखिल की थी जिसपर सोमवार को सुनवाई होनी है.
दिल्ली में सरकार बनाने का मौका मिलने पर बीजेपी ने तो विचार करने की बात कही. वहीं कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इस पर ऐतराज जताया है.
लोकतंत्र और संविधान का मजाक उड़ाने की कोशिश: AAP
आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने कहा, 'अगर यह खबर सच है तो बेहद ही आश्चर्यजनक है. जिस पार्टी ने 12 दिसंबर को 32 विधायक होने के बावजूद सरकार बनाने से इनकार कर दिया था आज वह 29 विधायक के साथ ऐसा करने को तैयार है. यह बेहद ही हैरान करने वाला मामला है. एलजी साहब को इसकी जानकारी है इसके बावजूद वह बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता देना चाहते हैं. यह तो संविधान का मजाक है. लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत मिलने के बावजूद दिल्ली में विधानसभा चुनाव को तैयार नहीं बीजेपी. अगर वह पिछले दरवाजे से लोकतंत्र और संविधान का मजाक बनाकर सरकार बनाने की कोशिश होती है तो यह गलत होगा. एलजी साहब को भी इससे बचना चाहिए. यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा.'
दिल्ली में जल्द हों चुनावः कांग्रेस
कांग्रेस नेता मुकेश शर्मा ने कहा, 'दिल्ली में किसी दल को बहुमत नहीं है. दिल्ली में चुनाव हो और यहां के लोगों को नई सरकार मिले. बीजेपी को चोर दरवाजे से सरकार बनाने का मौका नहीं मिलना चाहिए. पहले वह बताए कि बहुमत का आंकड़ा कहां से लाएगी. उसके बाद ही मौका मिले.'