दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार और विपक्ष के बीच टकराव लगातार बढ़ रहा है. हाल ही में हुए विधानसभा के विशेष सत्र में जबरदस्त हंगामा देखने को मिला, तो विपक्ष अब इस सेशन के पोस्टमार्टम में जुटा है और सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है.
बीजेपी के चारों एमएलए विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता की अगुवाई में शुक्रवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल से मिलने पहुंचे. ऐजेंडा केजरीवाल सरकार की शिकायत का था जिसमें विधानसभा में हुए वबाल से लेकर दिल्ली की बदहाल व्यवस्था तक शामिल है.
चारों एमएलए ने एलजी को एक शिकायती पत्र सौंपा है, जिसमें विशेष सत्र के दौरान नियमों के खिलाफ हुए काम और गैरसंवैधानिक परंपराओं का हवाला दिया गया है. साथ ही उपराज्यपाल से मांग की गई है कि वो इस शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करें और सरकार से जवाब मांगे.
बैठक के बाद विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि विशेष सत्र के दौरान सरकार ने विपक्ष की आवाज़ दबाने की कोशिश की. विपक्ष के सदस्यों को सत्र का एजेंडा नहीं बताया गया जबकि 14 दिन पहले सदस्यों को बैठक का एजेंडा बताया जाना चाहिए.
बीजेपी विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा के मुताबिक उन्होंने एलजी को शिकायत में कहा है कि विधानसभा स्पीकर ने भेदभाव करते हुए विधानसभा में पर्चा फेंकने के मामले में दो लोगों के साथ पिटाई करने वाले विधायकों पर कोई कार्रवाई नहीं की. यही नहीं उन युवकों को जिन विधायकों की सिफाऱिश पर विधानसभा के भीतर एंट्री दी गई थी. उनके खिलाफ भी कुछ नहीं किया गया, जबकि एक अन्य महिला सिमरन के मामले में विपक्ष के नेता के स्टाफ को परेशान किया जा रहा है और विशेषाधिकार समिति में मामला दिया गया है.
बीजेपी के विधायकों ने सरकार का कामकाज ठप होने का भी आरोप लगाया और एलजी से मांग की है कि वो तमाम प्रोजेक्ट की रिपोर्ट तलब करें और सरकार से पूछें कि दिल्ली में विकास के कामों का क्या हाल है.