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दिल्ली: ओपी शर्मा दो विधानसभा सत्र के लिए निलंबित, कहा- केजरीवाल ने रची है साजिश

इससे पहले एथि‍क्स कमिटी ने बुधवार को सदन में इस बाबत रिपोर्ट पेश की थी और सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की थी, जबकि गुरुवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उन्हें दो सत्रों के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव रखा.

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बीजेपी विधायक ओपी शर्मा
बीजेपी विधायक ओपी शर्मा

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दिल्ली विधानसभा की एथिक्स कमिटी की रिपोर्ट पर बीजेपी विधायक ओपी शर्मा को अगले दो सत्रों के लिए सदन से निलंबित कर दिया है. उन्हें महिला विधायक अलका लांबा के खि‍लाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का दोषी माना गया है. गुरुवार को शर्मा ने निलंबन के आदेश के बाद कहा कि उनके ख‍िलाफ साजिश की गई है.

बता दें कि इससे पहले एथि‍क्स कमिटी ने बुधवार को सदन में इस बाबत रिपोर्ट पेश की थी और सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की थी, जबकि गुरुवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उन्हें दो सत्रों के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव रखा. निलंबन के बाद ओपी शर्मा ने कहा , 'मेरे खि‍लाफ साजिश हुई है. मेरे खि‍लाफ आधे-अधूरे बयान पर कार्रवाई की गई है. यह अरविंद केजरीवाल की साजिश है, जबकि अलका लांबा महज एक टूल हैं.'

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ओपी शर्मा ने कहा कि वे मामले में विशेषज्ञों से बात करेंगे और निलंबन के आदेश को चुनौती देंगे. शर्मा ने इसके साथ ही अलका लांबा से अपने व्यवहार के लिए माफी भी मांगी. उन्होंने कहा, 'अगर मेरे शब्दों से उन्हें ठेस पहुंची है तो मैं उनसे माफी मांगता हूं.'

मैं उन्हें माफ नहीं करूंगी: लांबा
सदन के फैसले पर निराश जाहिर करते हुए अलका लांबा ने कहा कि वह ओपी शर्मा को माफ नहीं करने वाली हैं. लांबा ने कहा, 'वो भले ही मुझे बहन कह रहे हों, लेकिन मैं उन्हें भाई का दर्जा नहीं दे सकती. उन्होंने मुझे बहन बोला, क्योंकि वो अपनी कुर्सी बचाना चाह रहे थे.

केजरीवाल बोले- मिले एक मौका
दूसरी ओर, इस पूरे मसले पर विधानसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'अगर ओपी शर्मा सदन में होते तो उन्हें कहता कि वह माफी मांग लें सदन से और अलका जी से. उन्हें एक मौका मिलना चाहिए. उन्हें संदेश भेजा जाए और एक दिन सदन बढ़ा दिया जाए और मौका दीजिए, ये प्रस्ताव मैं करता हूं.'

केजरीवाल ने आगे कहा कि अलका लांबा ओपी शर्मा की बहन जैसी हैं. मुख्यमंत्री ने कहा, 'ओपी शर्मा ने तभी माफी नहीं मांगी. उन्होंने सदन की गरीमा को ठेस पहुंचाया है. हम उन जैसे नहीं हैं और ना ही हो सकते हैं. हम उन्हें एक मौका देना चाहते हैं. अगर वो अलका जी और सदन से माफी मांगते हैं तो इस सदन को उन्हें एक मौका देना चाहिए.'

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गौरतलब है कि जब सदन में सीएम यह सब कह रहे थे, उससे पहले ही ओपी शर्मा वहां से उठकर चले गए थे. उनसे भी पहले बीजेपी विधायक विजेंदर गुप्ता ने वाकआउट किया था.

एथिक्स कमिटी ने रिपोर्ट में क्या कहा
रिपोर्ट में कहा गया है कि कमिटी के सामने ओपी शर्मा को छठी विधानसभा की सदस्यता से निष्कासित किए जाने की सिफारिश करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है. आम आदमी पार्टी की विधायक अलका लांबा के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में बीजेपी विधायक को शीतकालीन सत्र के लिए सदन से सस्पेंड कर दिया गया था और इस मामले की जांच का जिम्मा विधानसभा की एथिक्स कमिटी को सौंपा गया था.

कमिटी ने तीन महीने की जांच के दौरान कुल दस बैठकें कीं. कमिटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में शर्मा को दोषी बताया है और उनकी सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की. रिपोर्ट में कहा गया है कि शर्मा ने पिछली भूलों से कुछ नहीं सीखा है और उन्हें कोई पश्चाताप नहीं है. उन्हें कई बार चेतावनी मिलती रही है लेकिन उनके बर्ताव में कोई सुधार नहीं आया है.

अलका लांबा पर शर्मा ने की थी यह टिप्पणी
बता दें कि ओपी शर्मा ने सदन में 'आप' विधायक अलका लांबा पर कमेंट करते हुए उन्हें 'रातभर घूमने वाली महिला' बताया था. 'आप' विधायकों ने शर्मा को सस्पेंड करने की मांग की थी. इसके बाद बीजेपी विधायक को सदन की कार्यवाही में भाग लेने से रोक दिया गया था और पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया था. इससे पहले शर्मा के खिलाफ विधानसभा में एक माइक तोड़ने के मामले में भी जांच हुई थी और सदन में यह प्रस्ताव पास हुआ था कि माइक को बदलने के लिए जितना खर्च आया है, उसका पैसा विधायक के वेतन से वसूला जाए.

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