दिल्ली विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत में हंगामा हावी हो गया है. बीजेपी विधायक द्वारा आम आदमी पार्टी के विधायक को 'आतंकवादी' कहने का मामला अब तूल पकड़ते जा रहा है. इस बयान के बाद दोनों विधायकों के बीच बहस इतनी तीखी हो गई कि सदन को कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया गया.
बीजेपी विधायक ओपी शर्मा ने जब गंदे पानी की समस्या पर सदन के भीतर सवाल पूछते हुए अफसरों को ठोकने की बात कही तो सामने बैठे आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान ने अापत्ति जताई. इसके बाद दोनों विधायकों के बीच बहस शुरू हो गई.
ओपी शर्मा ने कहा, "अफसरों को ठोकने में हम आगे हैं, आतंकवादियों की तरह क्यों बात कर रहा है, आदमियों की तरह बात कर, ज्यादा फन्ने खां मत बन. केजरीवाल और उनकी टीम आतंकवादी और देश विरोधियों के समर्थक हैं. अगर इस बयान पर फांसी लगती है तो लगा दो. केजरीवाल पाकिस्तान की भाषा बोलते हैं, देशविरोधी एनजीओ से इनकी पार्टी चलती है. एक आदमी ठोकने-पीटने आ रहा है, क्या उसका स्वागत करें."#WATCH: "Antankvadiyon ki tarah baat mat kar" — BJP MLA OP Sharma to AAP MLA Amanatullah Khan during a verbal spat inside Delhi Assembly. pic.twitter.com/x2SFFMntF5
— ANI (@ANI) August 6, 2018
हंगामा बढ़ा तो मनीष सिसोदिया ने सदन में बयान देते हुए कहा, "इस देश में एक ऐसी पार्टी है जो मुसलमान को आतंकवादी मानती है. इस सदन को यह बर्दाश्त नहीं. बीजेपी को पूरे देश से माफ़ी मांगनी चाहिए. यह मानसिकता देश में थोपी जा रही है. यह किसी एक जाति या धर्म का देश नहीं बल्कि सभी का है. बीजेपी वाले मकान मालिक बनकर इस देश पर नहीं बैठ सकते."
अरविंद केजरीवाल ने वीडियो ट्वीट करते हुए कहा कि भाजपा विधायक को देखिए-शर्मनाक. भाजपा भारत को हिंदू मुसलमान में बांटना चाहती है. यही पाकिस्तान चाहता है. भाजपा पाक के मंसूबे पूरे कर रही है. मोदी जी नवाज़ शरीफ़ से मिलने पाक क्यों गए, आईएसआई को पठानकोट में जांच के लिए क्यों बुलाया? भाजपा और पाकियों के क्या गुपचुप रिश्ते हैं?"
हंगामे के बाद स्थगित हुई दिल्ली विधानसभा में सदन की कार्यवाही शुरू हुई. अमानतुल्लाह खान ने बयान दिया, और कहा, "मुझे ओपी शर्मा ने 8 बार आतंकवादी कहा. उनके द्वारा अफसर को ठोकने की बात पर मैंने अपात्ति जताई थी. बीजेपी की सोच है कि मुसलमान देश में आतंकवादी है." इसके बाद अमानतुल्लाह खान ने स्पीकर के सामने प्रिविलेज कमेटी को मामला भेजने की मांग की है. बहरहाल दिल्ली विधानसभा ने इस मामले को प्रिविलेज कमेटी को भेज दिया है.