भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर दिल्ली में बढ़ते अपराध को लेकर मुखर हुए हैं. गौतम गंभीर ने 9 जुलाई (मंगलवार) को लोकसभा में दिल्ली में अपराध को लेकर सवाल पूछा. जिस पर गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने जवाब देते हुए कहा कि केस के ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा और प्रक्रिया काफी आसान बनाए जाने से मामले भले ज्यादा दर्ज हो रहे हैं, मगर पिछले वर्षों की तुलना में अपराध के आंकड़ों में कमी आई है.
दरअसल, बीजेपी के पूर्वी दिल्ली से सांसद गौतम गंभीर ने अपने सवाल में पूछा था कि क्या गृह मंत्री बताएंगे कि पिछले वर्षों के दौरान दिल्ली में लगभग प्रति तीन मिनट में एक आपराधिक मुकदमा दर्ज किया गया, जो कि 2014 की तुलना में 23 प्रतिशत अधिक है. अगर हां तो पिछले तीन वर्षों में के दौरान अपराधों का ब्यौरा क्या है. गौतम गंभीर ने पूछा कि क्या जिन अपराधों ने शहर को झकझोर दिया, उनमें चोरी, डकैती और अपहरण की बढ़ती घटनाएं हैं. यदि हां तो सरकार की क्या प्रतिक्रिया है?
गृह मंत्रालय की तरफ से इसका जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि अपराधों की रिपोर्टिंग और रजिस्ट्रेशन को सुविधाजनक बनाया गया है. साथ ही ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा के कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में पंजीकृत मामलों की संख्या अधिक हो सकती है. फिर भी, वर्ष 2014 की तुलना में पिछले तीन वर्षों के दौरान जघन्य अपराधों की संख्या में काफी गिरावट देखी गई.
ये है अपराधों का ब्योरा
गौतम गंभीर के सवाल पर गृह मंत्रालय के राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि 2014 में दिल्ली में जहां कुल 10266 अपराध दर्ज हुए थे, वहीं 2016 में 8238 मामले सामने आए. इसी तरह 2017 में जघन्य अपराध के मामलों की संख्या 6527 रही. वहीं 2018 में 5688 मामले सामने आए. गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि 2014 की तुलना में 2016 में अपराध की संख्या में 19.76 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई. वहीं 2017 में जघन्य अपराधों की संख्या में 36.42 और 2018 में 44.59 प्रतिशत गिरावट हुई. गृह मंत्रालय ने बताया कि 15 जून 2019 तक कुल 2487 अपराध दर्ज हुए हैं. पिछले साल की तुलना में इसमें भी 10.15 प्रतिशत की गिरावट हुई है.
सुरक्षा के उपाय
गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने अपराधों को रोकने के लिए कई सुरक्षा उपाय किए हैं. संगठित अपराध के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो रही. कुख्यात अपराधियों की गिरफ्तारी के साथ संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ाने और बीट पुलिस व्यवस्था पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है. पुलिस जनसंपर्क और नागरिक केंद्रित व्यवस्था के जरिए भी अपराध पर नकेल कस रही है.