भारतीय जनता पार्टी की नेता और सांसद मीनाक्षी लेखी ने आरोप लगाया कि कोरोना संकट के समय जब वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों एवं विधवाओं को पेंशन की सख्त जरूरत थी तब अरविंद केजरीवाल सरकार ने नगर निगमों से रिकॉर्ड लेने के बावजूद भी जरूरतमंद लोगों को पेंशन नहीं दी. हमारी केजरीवाल सरकार से मांग है कि वह वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग और विधवा नागरिकों को तुरंत पेंशन जारी करे.
सांसद लेखी का दावा है कि पेंशन को रोकने के बाद सरकार की तरफ से कहा गया था कि पेंशन की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी लेकिन केजरीवाल सरकार ने अब तक कोई वैकल्पिक सहयता नहीं दी. लेखी का ये भी कहना है कि निगमों को छठे दिल्ली वित्त आयोग के अनुसार पैसा मिलना चाहिए जबकि उन्हें पांचवें के अनुसार मिल रहा है.
चौथे आयोग का लाभ कभी मिला नहींः लेखी
उन्होंने आरोप लगाया कि चौथे दिल्ली वित्त आयोग के समय में निगमों को तीसरे आयोग की सिफारिशों का पैसा मिला. चौथे आयोग का लाभ कभी मिला ही नहीं. साल 2018 में कानूनी दबाव में नगर निगमों के लिए लागू चौथे दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशों को तो स्वीकार कर लिया पर लागू नहीं किया गया. अगर यह सिफारिशें लागू हो जातीं तो तीनों निगम आर्थिक रूप से सक्षम हो जाते पर यह केजरीवाल सरकार को मंजूर नहीं था.
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दूसरी ओर, दिल्ली बीजेपी के प्रमुख आदेश गुप्ता ने कहा कि नगर निगम किसी भी शहर के जीवन की लाइफ-लाइन होती है क्योंकि इसके तहत सफाई, सैनिटेशन, प्राइमरी शिक्षा, प्राइमरी स्वास्थ्य, बाग-बगीचों के रखरखाव, कॉलोनी की सड़कों के रखरखाव, व्यापारिक लाइसेंसों से लेकर जन्म-मृत्यु सेवाएं तक आती हैं और दिल्ली में इनका क्या महत्व है, उसका प्रमाण है कि यहां तो निगम 8 अस्पताल भी चलाते हैं जिनमें से 6 ने वर्तमान कोविड संकट में भी विशेष योगदान दिया है.
दिल्ली सरकार ने MCD का बजट घटायाः आदेश गुप्ता
उन्होंने कहा कि पिछले 7 सालों में दिल्ली सरकार का बजट 37,450 करोड़ रुपये से 69,000 करोड़ रुपये का हो गया, लेकिन दिल्ली सरकार ने पिछले साल निगम के लिए 6,828 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था और इस बार सिर्फ 6,172 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, यानी कि 656 करोड़ रुपये एक साल में कम कर दिए. उन्होंने कहा कि तीसरे दिल्ली वित्त आयोग के अनुसार दिल्ली सरकार टैक्स का 16.50 प्रतिशत शेयर निगम को दे रही थी लेकिन अब पांचवें दिल्ली वित्त आयोग में इसे घटाकर 12.50 प्रतिशत कर दिया है.
शिक्षकों ने कोविड काल में राशन वितरण से लेकर कोविड काउंसलिंग तक का कार्य किया. इस कार्य में गत वर्ष से अब तक लगभग 111 निगमकर्मी अपने प्राण खो चुके हैं, जिसमें उत्तरी दिल्ली नगर निगम में 57, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में 38 और पूर्वी दिल्ली नगर निगम में 16 कोरोना योद्धाओं ने अपनी जान गंवाई. इनमें डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, शिक्षक, सफाई कर्मचारी और अन्य विभाग के निगम कर्मचारी शामिल हैं.