नोटबंदी पर अब बीजेपी मोर्चा बंदी में जुट गई है, पीएम ने नोटबंदी के बाद हालात सामान्य होने के लिए पचास दिन का वक्त मांगा था अब जबकि नोटबंदी के पचास दिन पूरे हो गए हैं, तब पार्टी नोटबंदी को कामयाब बताने में कमी नहीं रखना चाहती है. इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री की डेडलाइन यानी 30 दिसंबर के पहले ही हो गई है. पार्टी की कोशिश है कि समाज के हर वर्ग की तरफ से ये संदेश जनता में जरूर जाए कि नोटबंदी से वो न सिर्फ खुश हैं, बल्कि कामयाब भी रही है. इसी कवायद के चलते बीजेपी के सांसद उदित राज ने दिल्ली बीजेपी के दफ्तर से लेकर पार्टी के मुख्यालय अशोक रोड़ तक मार्च निकाला, इसे नाम दिया नोटबंदी के समर्थन में दलित मार्च.
इस रैली के ज़रिए नोटबंदी के बाद कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए जागरुकता अभियान भी चलाया गया. खास बात ये रही कि रैली थी तो नोटबंदी के समर्थन में, लेकिन इसके लिए लगातार पीएम की आलोचना कर रहे राहुल गांधी और ममता बनर्जी भी रैली के पोस्टर और तख्तियों में निशाने पर रहे. जा़हिर तौर पर इसके ज़रिए बीजेपी की कोशिश दलित समुदाय में न सिर्फ नोटबंदी के लिए समर्थन जुटाने की है, बल्कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और ममता बनर्जी के कदम को देश की तरक्की के खिलाफ बताने की भी रही.
सांसद उदित राज के मुताबिक पचास दिन पूरे होने पर लोग ये बताने के लिए सड़क पर उतरे हैं, उन्होंने कहा कि नोटबंदी से उन्हें भले ही थोड़ी बहुत कैश की किल्लत झेलनी पड़ी है, लेकिन ये कदम न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था के लिए मजबूती देने वाला होगा, बल्कि कालेधन का भी खात्मा करेगा. उदित राज ने दावा किया कि मजदूर और कामगर वर्ग के लोग नोटबंदी से परेशान नहीं है, बल्कि वो इसके ज़रिए अपनी और देश की तरक्की की उम्मीद लगा रहे हैं. बीजेपी के सांसद ये दावा करना भी नहीं भूले कि मजूदर वर्ग के लोग भी कैशलेस व्यवस्था को अपना रहे हैं और इसके लिए मोबाइल, एटीएम कार्ड का भी इस्तेमाल कर रहे हैं.