आने वाले विधान सभा चुनाव में शीला दीक्षित की विदाई का सपना देख रही बीजेपी के एक सर्वे ने पार्टी में भूचाल ला दिया है. दिल्ली की 70 सीटों पर किये गए सर्वे में बीजेपी के कई धुरंधर इस बार मुश्किल से चुनाव जीत सकेंगे.
सर्वे के मुताबिक इस बार चुनाव में जगदीश मुखी, साहिब सिंह चौहान, मोहन सिंह बिस्ट और एससीएल गुप्ता के लिए जीत मुश्किल है. पार्टी को केवल आठ सीटों पर जीत का भरोसा है और इनमें ग्रेटर कैलाश सीट भी है, जहां से मंत्री किरण वालिया को विधायक हैं. इसके अलावा पार्टी वालिया, हारुन युसुफ और नरेन्द्र नाथ को भी हराने का सपना देख रही है.
पार्टी ने जो सर्वे कराया है उसमें दिल्ली की सीटों को तीन अलग अलग कैटेगरी में रखा गया है. पहले कैटेगरी वो जिसमें पार्टी आराम से जीत जाएगी, दूसरी वो जिसमें पार्टी रणनीति और उम्मीदवार में बदलाव करके ही चुनाव जीत सकती है और तीसरी कैटेगरी में पार्टी को जीत की कोई उम्मीद नहीं है. पार्टी ने ए कैटेगरी में सिर्फ 8 सीटों को रखा है यानी वो सीटें जहां से जीत पक्की है. इस सर्वे के मुताबिक जो सीटें पार्टी पक्का जीतेगी उसमें शिक्षा मंत्री किरण वालिया की ग्रेटर कैलाश सीट ही शामिल है. इसके अलावा इस कैटेगरी में सभी वो सीटें वो हैं जो पहले से ही बीजेपी के पास है.
B कैटेगरी में वो सीटें शामिल हैं, जिनपर पार्टी को खासी मशक्कत करनी पड़ेगी यानी या तो उम्मीदवार बदलने पड़ेंगे या रणनीति. इस कैटेगरी में करीब 32 से 35 सीटें हैं . मजेदार बात ये हैं कि इस कैटेगरी में बीजेपी के अब तक के गढ़ रहे इलाके शामिल हैं. अगर सर्वे सटीक बैठता है तो जनकपुरी से जगदीशमुखी,घोंडा से साहिब सिंह चौहान, बाबरपुर से नरेश गौड़ और करावल नगर से मोहन सिंह बिस्ट का या तो इनका टिकट काटना पडेगा या रणनीति में खासी तब्दीली करनी होगी. इस कैटेगरी में हारुन युसुफ का बल्ली मारान, डॉ ए.के. वालिया का लक्ष्मी नगर, किरण वालिया का मालवीय नगर, नरेन्दर नाथ का शाहदरा और अनिल कुमार चौधरी का पटपडगंज भी शामिल है. यानी पार्टी मेहनत करे तो इन सीटों को कांग्रेस से छीन सकती है.
तीसरी कैटेगरी में उन सीटों को रखा है जो जीतना नामुमकिन है. इस कैटेगरी में करीब 25 सीटें हैं. इनमें लवली की गांधी नगर, प्रहलाद सिंह साहनी की चांदनी चौक और राजकुमार चौहान की मंगोलपुरी के अलावा शुएब इकवाल की मटिया महल , कंवर करण सिंह की मॉडल टाउन , तरविंदर मारवाह की जंगपुरा, और अमरीश गौतम की कोंडली का नाम है.
कुल मिलाकर पार्टी के इस सर्वे पर अगर भरोसा किया जाए तो दिल्ली का आने वाला चुनाव उलटफेर से भरा होगा. दोनो ही पार्टियों के कई धुरंधर मुश्किल से चुनाव जीतेंगे और कई मंत्री घर जाएंगे. बीजेपी को अपने धुरंधर नेताओं का टिकट काटना पड़ेगा और बीजेपी का सरकार बनाना नामुमकिन नहीं तो बहुत मुश्किल होगा.