दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव के लिए बीजेपी की तैयारी में आम आदमी पार्टी के हमलों से बचाव की झलक साफ दिख रही है. बीजेपी इस बात का अंदाजा लगाने में जुटी है कि AAP कहां और किन मुद्दों पर बीजेपी को घेरेगी और इसी को ध्यान में रखकर बीजेपी ने तैयारी भी शुरू कर दी है.
मौजूदा पार्षदों को टिकट ना देने का फैसला
एमसीडी चुनाव को लेकर बीजेपी के सबसे बड़े फैसले को भी AAP के हमलों की काट के तौर पर देखा जा रहा है, जिसमें बीजेपी ने अपने सभी मौजूदा पार्षदों को टिकट ना देने का फैसला किया है. इससे पार्टी में बवाल मचा हुआ है, लेकिन पार्टी के रणनीतिकार मानते हैं कि बीजेपी ने फैसला सोच समझकर और कई चीजों को ध्यान में रखकर किया है.
BJP का एक तीर से दो निशाना
बीजेपी को अंदाजा था कि आम आदमी पार्टी एमसीडी में बीजेपी की दस साल की सत्ता को उनके खिलाफ इस्तेमाल करेगी. सत्ता विरोधी भावनाओं को पार्टी के खिलााफ प्रचार का हथियार बनाएगी. इसलिए बीजेपी ने एक तीर से दो निशाने लगाए हैं. वोटरों के मन में एक तो पार्षदों का टिकट काटकर सत्ता विरोधी भावनाओं का असर कम कर दिया. दूसरा केजरीवाल से एमसीडी और पार्षदों को कोसने का मुद्दा छीन लिया.
एमसीडी पर भ्रष्टाचार का आरोप
पिछले साल दो बार सफाई कर्मचारियों की हड़ताल हुई थी और इसके बाद आम आदमी पार्टी व दिल्ली सरकार की तरफ से ये छवि बनाने की कोशिश की गई थी कि सफाई कर्मचारियोंं की सैलरी का पैसा पार्षद भ्रष्टाचार में उड़ा देते हैं, जबकि दिल्ली सरकार से उन्हें पैसा दिया जाता है. एमसीडी को नाकारा और फंड का दुरुपयोग करने वाली संस्था करार देने के लिए भी लगातार आम आदमी पार्टी की तरफ से कैंपेन चलाया गया.
फंड मैनेज ना कर पाने का आरोप
खुद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि दिल्ली सरकार जो पैसा देती है, उसे एमसीडी के मेयर और पार्षद दूसरी जगह खर्च कर देते हैं. फंड को ठीक से मैनेज नहीं किया जाता और एमसीडी में भ्रष्टाचार है. AAP की तरफ से एमसीडी चुनाव के लिए रणनीति में सबसे ज्यादा फोकस भी एमसीडी के भ्रष्टाचार और काम नहीं करने की इमेज पर था.
तिवारी की टीम में दस से ज्यादा प्रवक्ता
इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर बीजेपी ने अपना कैंपेन भी मजबूत बनाने की रणनीति बनाई है. जिसमें दिल्ली बीजेपी ने प्रवक्ताओं की फौज खड़ी कर दी है. इस बार मनोज तिवारी की टीम में दस से ज्यादा प्रवक्ता हैं. इतने प्रवक्ता दिल्ली बीजेपी में कभी नहीं रहे.
बग्गा को भी बनाया प्रवक्ता
यहां तक कि मशहूर वकील और एक्टिविस्ट प्रशांंत भूषण की पिटाई करने वाले तेजेंदरपाल सिंह बग्गा को भी प्रवक्ता बनाया गया है. बग्गा सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं और आम आदमी पार्टी के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान चलाने के लिए मशहूर भी हैं. जाहिर है बीजेपी चुनावी लड़ाई में किसी भी मोर्चे पर कमजोर नहीं दिखना चाह रही है.