दिल्ली में ऐतिहासिक जीत के बाद, अब भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती राज्य की वित्तीय हालत को संतुलित करते हुए अपने भारी-भरकम चुनावी वादों को पूरा करना है. बीजेपी ने दिल्ली का चुनाव यमुना की सफाई, सड़क-पानी, कूड़े के पहाड़ और साफ-सफाई के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के अधूरे वादों को लेकर लड़ा था. भगवा पार्टी ने दिल्ली चुनाव के लिए अपने मेनिफेस्टो में जनता से केजरीवाल के अधूरे वादों को पूरा करने का वादा किया था और AAP से आगे बढ़कर कुछ फ्रीबीज का भी ऐलान किया था. अब जब दिल्ली की जनता ने बीजेपी का 27 वर्षों का वनवास खत्म करा दिया है, तो पार्टी के सामने अपने मेनिफेस्टो में किए गए वादों को पूरा करने की चुनौती है.
भाजपा के प्रमुख वादों में गरीब महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 2,500 रुपये प्रति महीने की आर्थिक सहायता (70 से ऊपर के लोगों के लिए 3,000 रुपये तक), सभी गर्भवती महिलाओं के लिए 21,000 रुपये और गरीब परिवारों से आने वाले छात्रों के लिए किंडरगार्टन से पोस्ट ग्रेजुएशन तक मुफ्त शिक्षा शामिल है. इन वादों का पूरा करने के लिए जरूरी बजट और दिल्ली की वित्तीय हालत दोनों में बहुत बड़ा विरोधाभास नजर आता है. हालांकि, बीजेपी के लिए एक राहत की बात यह है कि केंद्र में भी उसकी की सरकार है. इसलिए उसे दिल्ली में अपने वादे पूरा करने के लिए पैसों की तंगी का सामना शायद ना करना पड़े. फिर भी कुछ वादे ऐसे हैं जिन्हें बजट उपलब्ध होने के बावजूद पूरा करना इतना आसान नहीं होने वाला.
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दिल्ली की आर्थिक हालत vs बीजेपी के वादे
दिल्ली सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 2024-25 के लिए राज्य का अनुमानित टैक्स रेवेन्यू (टैक्स से होने वाली आय) 58,750 करोड़ रुपये है, जबकि कुल बजट 76,000 करोड़ रुपये का है. दिल्ली का एजुकेशन बजट 16,396 करोड़ रुपये (कुल बजट का 22%) है, इसके बाद आवास, शहरी विकास, स्वास्थ्य देखभाल, परिवहन और सामाजिक कल्याण के कार्यक्रमों और योजनाओं पर होने वाले व्यय शामिल हैं. दिल्ली का वित्त विभाग बजट का दो-तिहाई से अधिक हिस्सा वेतन, पेंशन और प्रशासनिक कामकाज के लिए आवंटित किए जाने के साथ, पहले ही संभावित घाटे के बारे में चिंता जता चुका है.
इस वित्त वर्ष के अंत तक टैक्स और अन्य स्रोतों से दिल्ली सरकार को प्राप्त होने वाला राजस्व 64,142 करोड़ रुपये से घटकर 62,415 करोड़ रुपये होने का अनुमान है. बीजेपी के चुनावी वादों पर नजर डालें तो, महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये आर्थिक मदद वाली योजना पर सालाना लगभग 11,000 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है. अनुमान के मुताबिक दिल्ली में करीब 24.4 लाख वरिष्ठ नागरिक हैं. उन्हें हर महीने 2500 रुपये (70 वर्ष से ज्यादा उम्र वालों को 3000 रुपये महीना) पेंशन देने के लिए सालाना 4,100 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आवश्यकता होगी.
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यमुना की सफाई बड़ा मुद्दा, खर्च भी ज्यादा
इसी तरह, अकेले यमुना की सफाई पर पिछले कुछ वर्षों में लगभग 8,000 करोड़ रुपये की लागत आई है और फिर भी यह नदी दिल्ली में नाला बनी हुई है. दिल्ली के सरकारी अस्पतालों को अपग्रेड करने के लिए अनुमानित 10,200 करोड़ रुपये की आवश्यकता है. दिल्ली मेट्रो के विस्तार के तहत थर्ड फेज को पूरा करने और फोर्थ फेज को डेवलेप करने के लिए 2,700 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी. दिल्ली की वित्तीय स्थिति और बजट के आकार को ध्यान में रखते हुए, बीजेपी की राज्य सरकार को उपरोक्त कार्यों के लिए केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता मांगनी ही पड़ेगी. दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा पहले भी कह चुके हैं कि केंद्र सरकार आर्थिक मदद देने के लिए तैयार है.
वीरेंद्र सचदेवा ने एक न्यूज पेपर से बातचीत में कहा, 'केंद्र ने पहले आयुष्मान भारत योजना जैसी पहल को लागू करने के लिए दिल्ली सरकार को आर्थिक मदद की पेशकश की थी, लेकिन AAP ने दिल्लीवासियों को ये लाभ देने से इनकार कर दिया. अब जब बीजेपी जीत गई है, तो हम अपने वादे पूरे करने के लिए धन की व्यवस्था करेंगे, लीकेज को बंद करेंगे और भ्रष्टाचार को खत्म करेंगे.' नई सरकार को अगले वित्तीय वर्ष के लिए बजट को अंतिम रूप देने में कम से कम एक महीने का समय लग जाता है. इस तरफ भाजपा की नई सरकार मार्च अंत तक वित्त वर्ष 2025-26 के लिए दिल्ली का बजट पेश कर सकती है. बजट पेश होने के बाद ही पता चलेगा कि अपने चुनावी वादों को पूरा करने के लिए भाजपा का रोडमैप क्या होगा.
दिल्ली के लिए भाजपा के 10 बड़े चुनावी वादे
1. तीन वर्षों में यमुना की सफाई और रिवरफ्रंट का निर्माण.
2. तीन वर्षों में कूड़े के पहाड़ को कम करना.
3. हर गरीब परिवार की महिला को 500 रुपये में एलपीजी सिलिंडर, होली-दिवाली पर एक-एक गैस सिलिंडर मुफ्त.
4. हर गरीब महिला को प्रति माह 2500 रुपये की आर्थिक मदद.
5. हर गर्भवती महिला को 21000 रुपये की आर्थिक मदद और 6 पोषण किट.
6. पहली कैबिनेट में आयुष्मान भारत योजना लागू होगी, 10 लाख तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी.
7. वरिष्ठ नागरिकों की रुकी हुई पेंशन शुरू होगी. 60 वर्ष से अधिक उम्र वालों को 2500 रुपये महीने और 70 वर्ष से अधिक उम्र वालों को 3000 रुपये महीने मिलेंगे.
8. 200 यूनिट तक फ्री बिजली, 20 हजार लीटर फ्री पानी, महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा जैसी कल्याणकारी योजनाएं जारी रहेंगी. इन योजनाओं को और अधिक प्रभावी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाएंगे.
9. दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए 13000 नई इलेक्ट्रिक बसें मिलेंगी. दिल्ली को 100% ई-बस सिटी बनाएंगे. 20 हजार करोड़ रुपये खर्च करके लास्ट माइल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेंगे.
10. ऑटो-टैक्सी ड्राइवर्स, ई-रिक्शा चालकों, डोमेस्टिक हेल्प और गिग वर्कर्स के लिए 10 लाख रुपये तक का लाइफ इंश्योरेंस कवरेज और 5 लाख रुपये तक का एक्सीडेंटल बीमा कवरेज देंगे.