इनकम टैक्स विभाग का नोटिस मिलने के बाद हवाला के आरोपों में आए केजरीवाल के मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. सत्येंद्र जैन और उनके कारोबार से जुडे नए दस्तावेज सामने आए हैं, जिनके आधार पर अब बीजेपी केजरीवाल को घेरने में जुट गई है. इन दस्तावेज़ों के हवाले से बीजेपी का दावा है कि सत्येंद्र जैन न सिर्फ हवाला नेटवर्क का इस्तेमाल करते थे, बल्कि इसके ज़रिए कालेधन को सफेद करने के गोरखधंधे में भी शामिल हैं.
इनकम टैक्स का नोटिस मिलने के बाद दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने दावा किया था कि हवाला कारोबार से उनका कोई ताल्लुक नहीं है और जिन कंपनियों का नाम हवाला और मनी लॉन्डरिंग में आया है, उनमें सिर्फ उनके शेयर थे, जिन्हें उन्होंने काफी पहले बेच दिया था.
अब बीजेपी ने सत्येंद्र जैन की कंपनियों से जुड़े दस्तावेज़ों के आधार पर ही दावा किया है कि इन कंपनियो से न सिर्फ सत्येंद्र जैन का ताल्लुक है, बल्कि सत्येंद्र जैन इनमें से कई कंपनियों के डायरेक्टर थे. रिकॉर्ड के मुताबिक इंडो मेटलइम्प्लैक्स प्राइवेट लिमिटेड और अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड में सत्येंद्र जैन डायरेक्टर थे और उन्होंने इन कंपनियों के डायरेक्टर पद से इस्तीफा हवाला कारोबारी जैनेश मिश्रा के इनकम टैक्स की जांच में आने के बाद आनन फानन में जुलाई 2013 में दिया है.
यही नहीं प्रयास इन्फोसोल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड में एडीशनल डायरेक्टर पद से इस्तीफा भी ठीक इसीवक्त पर दिया गया. ये सभी वो कंपनियां है, जिनसे कैश लेकर जैनेश मिश्रा ने घाटे की इन कंपनियों में भारी भरकम निवेश किया और प्रीमियम के साथ इन कंपनियों के शेयर खरीदे.
इंडोमैटल, अकिंचन डेवलपर्स और प्रयास इन्फोसोल्यूशन इन तीनों कंपनियों से जुड़े दस्तावेज बताते हैं कि इन कंपनियों में कोलकाता के एक ही एड्रेस पर रजिस्टर्ड कंपनियों की शेयरहोल्डिंग थी. ये सभी कंपनियां कोलकाता के 85 एनएस रोड पर रजिस्टर्डे हैं, जो हवाला कारोबारी जैनेश मिश्रा के दफ्तर का पता है. खास बात ये है कि कोलकाता इन कंपनियों ने सत्येंद्र जैन की तीनों कंपनियों में ऐसे वक्त पर पैसा लगाया, जब वो इन कंपनियों में डायरेक्टर थे.
इनकम टैक्स के रडार पर आय़ी तीन में से एक कंपनी प्रयास इन्फो सोल्यूशन में अभी भी सत्येंद्र जैन की पत्नी पूनम जैन डायरेक्टर हैं. इससे ये बात भी गलत साबित होती है कि कंपनियों से जैन के परिवार का कोई लेना देना नहीं है, यही नहीं सत्येंद्र जैन के पिता भी इन कंपनियों में शेयर होल्डर हैं.
बीजेपी नेता और सीए राजेश शर्मा के मुताबिक जैनेश मिश्रा के इनकम टैक्स को दिए बयान में उसने कुबूल किया है कि वो कैश लेकर दिल्ली की इन तीनों कंपनियों को चैक से भुगतान किया करता था, ताकि काला धन सफेद किया जा सके. राजेश शर्मा के मुताबिक इनकम टैक्स की छापेमारी में जैनेश मिश्रा के पास से आठ करोड़ रुपए कैश भी मिला था, जिसका ताल्लुक भी सत्येंद्र जैन से है.
गौरतलब है कि इनकम टैक्स का नोटिस मिलने के बाद सत्येंद्र जैन ने दावा किया था कि उन्हें इनकम टैक्स ने एक गवाह की हैसियत से बुलाया है और जिन कंपनियों की बात हो रही है उनमें वो सिर्फ शेयर होल्डर थे और उन्होने राजनीति में आने से पहले ही शेयर बेच दिये थे. इसलिए हवाला के आरोप निराधार हैं.