सरकार के गरीबी के ताजा आंकड़ों को लेकर सियासी हंगामा बरपा हुआ है. तमाम पार्टियां सरकार के इरादे पर सवाल उठा रही हैं. अब दिल्ली बीजेपी के नेता विजय गोयल ने गरीबी तय किये जाने के पैमाने पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया और मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को 33 रुपये का मनीऑर्डर भेजा है.
गोयल के मुताबिक उन्होंने इन लोगों से कहा है कि वो 33 रुपए में अपना एक दिन गुजारें, उसके बाद गरीबी की परिभाषा तय करें. दिल्ली बीजेपी योजना आयोग के इन आंकड़ों का विरोध करते हुए 4 अगस्त को ताल कटोरा स्टेडियम में गरीबों की एक रैली आयोजित करने वाली है.
गौरतलब है कि योजना आयोग के अनुसार, तेंदुलकर प्रणाली के तहत 2011-12 में ग्रामीण इलाकों में 816 रुपये प्रति व्यक्ति प्रति माह से कम उपभोग करने वाला व्यक्ति गरीबी की रेखा के नीचे था. शहरों में राष्ट्रीय गरीबी की रेखा का पैमाना 1,000 रुपये प्रति व्यक्ति प्रति माह का उपभोग है. इसका मतलब है कि शहरों में प्रतिदिन वस्तुओं और सेवाओं पर 33.33 रुपये से अधिक खर्च करने वाला और ग्रामीण इलाकों में 27.20 रुपये खर्च करने वाला व्यक्ति गरीब नहीं है.
वहीं, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने योजना आयोग के आंकड़ों के आधार पर गरीबी का पैमाना तय करने को गरीबों का मजाक बताते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से पूछा है कि क्या वे 33 रुपये में एक वक्त का भोजन कर सकते हैं.