दिल्ली जन जागरण मंच के सचिव और दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक पत्र लिखकर मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त मॉनिटिरिंग कमेटी के सदस्यों से होने जा रही बैठक में दिल्ली के व्यापारियों के 3 अहम सवाल जरूर उठाये और उनसे इसका जवाब जरूर लें.
पत्र में पहला सवाल पूछा गया है कि 'मॉनिटिरिंग कमेटी सदस्य आखिर क्यों बिना नोटिस सीलिंग कर रहे हैं, जबकि संबंधित दिल्ली नगर निगम एक्ट 2012 में धारा 345 (A) के अंतर्गत नोटिस देना अनिवार्य है और अनेक विवादित मामलों में सुप्रीम कोर्ट सहित सभी न्यायालयों ने नोटिस के अधिकार को वैध ठहराया है. ऐसे में मॉनिटरिंग कमेटी से पूछा जाए कि वो सीलिंग से पहले नोटिस क्यों नहीं दे रही?
अपनी चिट्ठी में प्रवीण शंकर कपूर ने दूसरा सवाल पूछा है कि 'मॉनिटिरिंग कमेटी डीसीलिंग की अर्जी के साथ व्यापारियों को एक लाख रुपये जमा करने को बाध्य कर रही है जबकि दिल्ली नगर निगम एक्ट 2012 में इसका कोई प्रावधान नहीं है ऐसे में मॉनिटिरिंग कमेटी बताये कि वो किस कानून के तहत एक लाख रुपये जमा करवाने के लिए कह रहे हैं?
पत्र में तीसरा सवाल पूछते हुए कहा गया है कि अमर कॉलोनी में दुकानों के आगे पीछे अतिक्रमण के नाम पर सीलिंग की गई है जबकि ऐसे समाचार सामने आए हैं भूमि स्वामी संस्थान 1980 के करीब में इन अतिक्रमणों को माफ कर चुका है, इसलिए सीएम केजरीवाल मॉनिटिरिंग कमेटी से पूछें कि ये सीलिंग क्यों की गई और अगर अब दुकानदार आरोपित अतिक्रमण को छोड़कर डीसीलिंग करवाना चाहें तो कैसे करवाएं?
आपको बता दें कि सीलिंग के मसले पर दिल्ली सचिवालय में सीएम केजरीवाल समेत कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं के साथ मॉनिटरिंग कमेटी की एक अहम बैठक होने जा रही है जिसमें दिल्ली में जारी सीलिंग पर चर्चा होगी.