दिल्ली विधानसभा में प्रचंड जीत के बाद अब बीजेपी की नजरें एमसीडी पर भी हैं. इसी साल अप्रैल में दिल्ली नगर निगम के मेयर का चुनाव होना है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत के बाद अब एमसीडी में भी बीजेपी का पलड़ा भारी होगा. विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 48 सीटें हासिल की हैं तो वहीं AAP के खाते में 22 सीटें आई हैं. आइए समझते हैं एमसीडी का गणित कि कैसे बहुमत न होने के बावजूद बीजेपी का मेयर बन सकता है.
दिल्ली नगर निगम में पार्षदों की कुल संख्या 250 है. इनके अलावा दिल्ली के सातों लोकसभा और तीनों राज्यसभा सांसद और 14 विधायक भी मेयर के लिए वोट डालते हैं. अभी की संख्या के हिसाब से बीजेपी के 120 पार्षद हैं जबकि आम आदमी पार्टी के 122 पार्षद हैं. हालांकि बीजेपी के आठ पार्षदों ने विधानसभा चुनाव लड़ा और वे सभी चुनाव जीत गए. आम आदमी पार्टी के 3 पार्षद चुनाव जीत गए थे.
बीजेपी के 7 पार्षद जीते
विधानसभा चुनाव जीतने वाले बीजेपी 7 पार्षद हैं- मुंडका से गजेंद्र दराल, शालीमार बाग से रेखा गुप्ता, वजीरपुर से पूनम शर्मा, नजफगढ़ से नीलम पहलवान, राजेंद्र नगर से उमंग बजाज, संगम विहार से चंदन चौधरी, विनोद नगर से रविंदर सिंह नेगी, ग्रेटर कैलाश से शिखा राय.
मनोनीत पार्षद राजकुमार भाटिया भी चुनाव जीत गए. मनोनीत पार्षद मेयर चुनाव में वोट नहीं कर सकते हैं. वो सिर्फ जोन के चुनाव में मतदान कर सकते हैं. इनके अलावा पश्चिमी दिल्ली बीजेपी की पार्षद रहीं कमलजीत सहरावत सांसद का चुनाव जीत चुकी हैं. AAP और मनोनीत पार्षदों के रिक्त स्थानों को मिला दें तो पार्षद की 12 सीटों पर उपचुनाव होने हैं और एक मनोनयन होना है जो उपराज्यपाल करेंगे.
वर्तमान में किसके पास कितने पार्षद?
वर्तमान में बीजेपी के पास फिलहाल कुल 112 पार्षद और आम आदमी पार्टी के पास कुल 119 पार्षद हैं. गौरतलब है कि मेयर का पिछला चुनाव नवंबर 2024 में हुआ था लेकिन कार्यकाल केवल पांच महीने का है. तब AAP के महेश खिंची बीजेपी के किशन लाल से केवल तीन वोटों से ही जीत पाए थे.
मेयर चुनाव में कुल 263 वोट डाले गए थे जिनमें महेश खिंची को 133 और किशन लाल को 130 वोट मिले थे जबकि दो वोट अवैध हो गए थे. बीजेपी के पास तब 113 पार्षद थे. उसे एक विधायक और सात सांसदों का भी समर्थन था यानी कुल संख्या 121 थी.
अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है दिल्ली बीजेपी
उधर AAP के कुल 141 वोटर थे जिनमें 125 पार्षद, 13 विधायक और तीन राज्य सभा सांसद थे. जबकि कांग्रेस के पास आठ पार्षद थे और कांग्रेस के पार्षदों ने चुनाव का बहिष्कार किया था. अब बीजेपी के 14 विधायक और सात लोक सभा सांसद भी वोट डालेंगे. ऐसे में बीजेपी अगर अप्रैल में अपना मेयर बना लें तो कोई हैरानी नहीं होगी. सूत्रों के हवाले से खबर है कि दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनाने के बाद बीजेपी दिल्ली मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी ला सकती है.