दिल्ली में सरकार बनाने की कवायद शुरू हो गई है. भारतीय जनता पार्टी के ज्यादातर नेताओं की राय है कि यहां उनकी पार्टी सरकार बनाए और इसके लिए विक्षुब्ध कांग्रेसियों और आम आदमी पार्टी के कुछ नाराज विधायकों की मदद ली जाए. यह खबर अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स ने दी है.
अखबार के मुताबिक अगर बीजेपी सरकार बनाती है तो मुख्य मंत्री पद के लिए दो नाम सामने आ रहे हैं. एक तो हैं जनकपुरी के विधायक प्रोफेसर जगदीश मुखी और दूसरे बदरपुर के विधायक रामबीर सिंह बिधूड़ी. इनके अलावा आरएसएस के कुछ नेता पूर्व मंत्री विजय गोयल के नाम को आगे बढ़ा रहे हैं. गोयल इस समय राजस्थान से राज्य सभा के सदस्य हैं. इनके अलावा मीनाक्षी लेखी का भी नाम चर्चा में है.
दिल्ली विधान सभा 14 फरवरी से ही लंबित है. उस दिन ही आम आदमी पार्टी के मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा दिया था. वह 49 दिन सत्ता में रहे. बीजेपी के एक नेता ने अखबार को बताया कि पार्टी में इस बात पर बहुमत है कि यहां सरकार बनाई जाए. समझा जाता है कि दिल्ली में पार्टी प्रमुख के पद के नामों पर भी इसी हफ्ते चर्चा होगी. दिल्ली प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष डॉक्टर हर्षवर्धन अब केंद्र में मंत्री हैं.
बिधूड़ी पहले एनसीपी में थे और चुनाव के ठीक पहले पार्टी छोड़कर यहां आए हैं. उन्हें बीजेपी के एक दर्जन विधायकों का समर्थन है. जरूरत पड़ने पर वह छह और विधायकों का समर्थन ले सकते हैं. लेकिन पार्टी के बड़े नेताओं को उनके नेतृत्व की क्षमता पर पूरा यकीन नहीं है.
दूसरी जगदीश मुखी विवादों से दूर रहने वाले नेता हैं और उन्हें सभी गुटों का समर्थन प्राप्त है. लेकिन वह ऐसी सरकार चला पाएंगे या नहीं, इस पर संशय है. एक अन्य नेता ने अखबार को बताया कि डॉक्टर हर्षवर्धन के दिल्ली की राजनीति में वापस लौटने की संभावना नहीं है. इसका मतलब हुआ कि हमें नया नेता ढूंढ़ना होगा. वह नेता न केवल सरकार अच्छे से चलाए बल्कि चुनाव होने पर केजरीवाल का मुकाबला भी करे.
विजय गोयल के भी समर्थक हैं लेकिन केन्द्र और दिल्ली में बैठे बड़े नेता उनका विरोध कर रहे हैं. मीनाक्षी लेखी के पक्ष में यह बात है कि वह एक नया चेहरा हैं लेकिन विरोध में यह बात जाती है कि उन्हें सरकार चलाने का अनुभव नहीं है.