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टीम केजरीवाल का सत्येन्द्र जैन का बचाव नैतिक गिरावट की पराकाष्ठा: नेता प्रतिपक्ष

दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, आशीष खेतान और आतिशी मार्लेना जैसे नेताओं का बड़ी बेशर्मी से सत्येन्द्र जैन के बचाव में उतरना यह दर्शाता है कि आम आदमी पार्टी अनैतिकता की कितनी गहराई में गिर चुकी है.

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बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता
बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता

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सीबीआई की छापेमारी को लेकर दिल्ली के लोक निर्माण मंत्री सत्येन्द्र जैन के बचाव में उतरे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, आशीष खेतान और आतिशी मार्लेना पर बीजेपी ने करारा हमला बोला है.

दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, आशीष खेतान और आतिशी मार्लेना जैसे नेताओं का बड़ी बेशर्मी से सत्येन्द्र जैन के बचाव में उतरना यह दर्शाता है कि आम आदमी पार्टी अनैतिकता की कितनी गहराई में गिर चुकी है.

बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल और उनकी टीम ने सत्येन्द्र जैन जैसे भ्रष्ट आचरण वाले नेताओं के साथ समझौता कर लिया है. केजरीवाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोसने की आदत पड़ चुकी है. सिसोदिया और अन्य आप नेताओं ने सत्येन्द्र जैन पर सीबीआई रेड को राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित बताकर अपनी अनैतिक मानसिकता का परिचय दिया है.

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विपक्ष के नेता ने भ्रष्टाचार के विरूद्ध ‘जीरो टालरेंस’ का दम भरने वाले मुख्यमंत्री केजरीवाल पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपनी राजनीतिक मजबूरियों के चलते भ्रष्टाचार के साथ बिना शर्त समझौता कर लिया है. वो लोक निर्माण मंत्री सत्येन्द्र जैन जैसे अपने साथियों के घोर भ्रष्टाचार को जानबूझ कर अनदेखा कर रहे हैं. केजरीवाल धृतराष्ट की तरह आंखे मूंदे हुए हैं और उन्हें अपने साथियों का भ्रष्टाचार दिखाई नहीं दे रहा है. सत्येन्द्र जैन के मामले में केजरीवाल की अपराधिक सांठ-गांठ साफ दिखाई देती है.

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल सहित पूरी आम आदमी पार्टी सत्येन्द्र जैन के सरकारी पैसे के दुरुपयोग और घोर भ्रष्टाचार पर पर्दा डाल रहे हैं. सारा खेल आम आदमी पार्टी और अपने लोगों को काम पर लगाने का था. इसमें यह भी नहीं देखा गया कि फ्रेश ग्रेजुएट कैसे क्वालिफाइड और अनुभवी मुख्य अभियंताओं समेत पूरी टीम को गाइड करेंगे.

उन्होंने आरोप लगाया कि सत्येन्द्र जैने ने अपने पद का दुरुपयोग करके आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों के रिश्तेदारों और मित्रों व कार्यकर्ताओं को लाभ पहुंचाने के लिए लोक निर्माण विभाग ने 24 प्रोफेशनलों की एक क्रिएटिव टीम को दो वर्ष के लिए नियुक्त किया.

इसके लिए उन्होंने सभी नियमों और कायदों की धज्जियां उड़ा दी. इस टीम को दो वर्ष में सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये गैर कानूनी तरीके से खर्च करने का माध्यम बनाया. इस टीम की नियुक्ति के लिए वित्तीय और सर्विस विभागों से ली जाने वाली जरूरी अनुमति भी नहीं ली गई. लोक निर्माण विभाग में सृजित किए जाने वाले पदों के समकक्ष कोई पद भी स्वीकृत नहीं थे.

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विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि लोक निर्माण विभाग के पास पहले से ही सक्षम अभियंताओं, अधिकारियों व प्रोफेशनल की क्रिएटिव टीम मौजूद थी. यह विभाग दो दशकों से भी अधिक समय से हर दायित्व को बखूबी निभा रहा था. विभाग ने अपनी चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया और सारी परियोजनाएं समय पर पूरी करके दी. परंतु सत्येन्द्र जैन ने बिना किसी आवश्यकता के अपनी मनमर्जी से क्रिएटिव टीम को नियुक्त किया.

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग में क्रिएटिव टीम के नाम पर ऐसे लोगों की भर्ती की गई है, जो आम आदमी पार्टी की विचारधारा में विश्वास करते थे. इस टीम में 24 व्यवसायिकों और सलाहकारों को अगले दो साल के लिए भारी वेतन पर तैनात किया गया. इनकी नियुक्ति बारापुला उपरिगामी प्रोजेक्ट फेज-3 के नाम पर की गई थी, जिसकी सरकारी स्वीकृति भी प्राप्त नहीं हुई थी. क्रिएटिव टीम के सदस्यों की नियुक्ति करने वाली फर्म को मंत्री सत्येन्द्र जैन ने केंद्रीय सर्तकता आयोग के दिशा निर्देशों का उल्लंघन करके यह कार्य सौंपा.

आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि जिस फर्म ने विशेषज्ञों की नियुक्ति की, उसका काम भोजन, हेल्पर, डेटा एंट्री ऑपरेटर, सिक्युरिटी गार्ड्स आदि सप्लाई करने का है. उच्च गुणवत्ता वाले कौशलयुक्त लोगों की नियुक्ति का कार्य करने का कोई भी अनुभव इस फर्म के पास नहीं है.

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विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि जैन ने फर्म को लाभ पहुंचाने का गैर कानूनी कार्य किया है. फर्म द्वारा नियुक्त किए गए प्रोफेशनल की योग्यताओं की भी कोई जांच नहीं की गई है. उनकी नियुक्ति से पहले योग्यता निर्धारण का भी कार्य नहीं किया गया. इन लोगों को अच्छा खासी सैलरी दी गई. इनको दी जाने वाली सैलरी इस प्रकार है.....

1. हाल ही में उत्तीर्ण स्नातक  - 50 हजार रुपये प्रति माह

2. परास्नातक  - 75 हजार रुपये प्रति माह

3. एमबीए  - एक लाख रुपये प्रति माह

विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि ये पारिश्रमिक सरकारी क्षेत्र में दिए जाने वाले वेतन से कहीं ज्यादा थे. यह बात भी गौर करने योग्य है कि जिन दरों पर नियुक्तियां की गई हैं, वैसी दरें सरकार के अन्य विभागों में पहले कभी नहीं दी गई थी.

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