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एमसीडी चुनाव: जीत की खातिर बीजेपी की नजर पिछड़े कार्ड पर

दिल्ली की सियासत पर पकड़ मजबूत करने के लिए भाजपा अपने समर्थकों की संख्या बढ़ाने में जुटी हुई है. भाजपा नेतृत्व का मानना है कि चुनावी राजनीति में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को मात देने के लिए वोट फीसद बढ़ाने पर काम करना होगा.

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मनोज तिवारी
मनोज तिवारी

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एमसीडी चुनाव दिल्ली बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा क्योंकि दिल्ली एमसीडी में बीजेपी का 10 सालों से कब्जा है लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी की वजह से लड़ाई त्रिकोणीय होने वाली है. इसी के मद्देनजर दिल्ली बीजेपी ने सोशल इंजीनियरिंग पर काम करना शुरू कर दिया है. इसके लिए पहली बार दिल्ली में बीजेपी ने अन्य पिछड़ा वर्ग मोर्चा का गठन किया गया है.

दरसअल इसके सहारे बीजेपी अब उन वर्गों तक पहुंच बनाना चाहती है जो अब तक उससे दूर रही है. अन्य पिछड़ा वर्ग जातियों की तादाद अच्छी खासी है अब इन्हीं जातियों को अपने साथ जोड़ने के लिए दिल्ली बीजेपी पहली बार 27 जनवरी को पिछड़ा मोर्चा सम्मलेन आयोजित करने वाली है.

दिल्ली की सियासत पर पकड़ मजबूत करने के लिए भाजपा अपने समर्थकों की संख्या बढ़ाने में जुटी हुई है. भाजपा नेतृत्व का मानना है कि चुनावी राजनीति में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को मात देने के लिए वोट फीसद बढ़ाने पर काम करना होगा. दरसअल 2015 के विधानसभा चुनाव मे बीजेपी का वोट शेयर कम होकर लगभग 32 प्रतिशत रह गया था.

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अब बीजेपी परंपरागत समर्थकों के साथ ही नए लोगों को साथ जोड़कर मत प्रतिशत को बढ़ाना चाहती है जिससे की नगर निगम में उसका कब्जा बरकरार रहे. इसके लिए पिछले दिनों हुई प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में भी पांच फीसद से ज्यादा मत फीसद बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

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