दिल्ली में अरविंद केजरीवाल को कोर्ट का झटका लगा, तो बीजेपी ने भी पार्टी के सांसदों को केजरीवाल के खिलाफ मैदान में उतार दिया है. दिल्ली में बीजेपी के सात सांसद हैं और सभी को पार्टी ने केजरीवाल को घेरने के निर्देश दिए हैं, ताकि दिल्ली सीएम के खिलाफ माहौल बनाया जा सके.
हर्षवर्धन, मिनाक्षी और मनोज तिवारी ने संभाला मोर्चा
हाई कोर्ट के फैसले को बीजेपी जनता के बीच ले जाकर केजरीवाल के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश में है. साथ ही जनता के बीच संदेश भी पहुंचाना चाहती है कि केजरीवाल हर बात में केंद्र और मोदी का नाम घसीटते हैं, जो सही नहीं है. ये उनकी राजनीति का हिस्सा है. इसी रणनीति के तहत जैसे ही कोर्ट का फैसला आया, बीजेपी के सभी सांसद मीडिया के सामने बयान देने के लिए पहुंच गए. संसद में जहां केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन बोले, वहीं मीनाक्षी लेखी और मनोज तिवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोर्चा संभाला.
संवैधानिक व्यवस्थाओं का सम्मान करें केजरीवाल
नई दिल्ली से सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा, 'केजरीवाल टकराव की राजनीति करना चाहते हैं. दिल्ली ने डेढ़ साल में इसकी वजह से काफी नुकसान झेला है. सीएम ने संवैधानिक पद पर बैठे एलजी के अधिकारों पर अतिक्रमण की कोशिश की, लेकिन हाई कोर्ट ने अब उन्हें जवाब दे दिया है.' लेखी ने कहा, 'राष्ट्रपति पद पर जो हैं, वो भी किसी वक्त में बीजेपी की विपक्षी पार्टी के बड़े नेता रहे हैं. इसका मतलब ये नहीं है कि केंद्र सरकार राष्ट्रपति से टकराव करे या उनका विरोध करे. संवैधानिक व्यवस्थाओं का सम्मान केजरीवाल को भी करना चाहिए.'
'उम्मीद है केजरीवाल को अब आएगी सद्बुद्धि'
उधर, उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने भी केजरीवाल पर हमला बोला. उन्होंने कहा, 'केजरीवाल तो खुद कहते हैं कि वो अराजक है. इसलिए उनके लिए हाई कोर्ट का फैसला झटका है, लेकिन जो लोग संविधान में आस्था रखते हैं और संवैधानिक मान्यताओं को मानते हैं, उनके लिए ये विजय का दिन है. मनोज तिवारी ने चुटकी भी ली और कहा कि हमारे कहने से ना सही, लेकिन अब हाई कोर्ट का फैसला पढ़ने के बाद केजरीवाल को सदबुद्धि आ जानी चाहिेए.