भले ही हाल ही में हाईकोर्ट ने जातिगत राजनीति पर अपनी तीखी टिप्पणी दी हो, लेकिन दिल्ली बीजेपी ने इस बार कांग्रेस के जातिगत वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए नई रणनीति बनाई है. बड़ी रैलियों के बजाए इस बार पार्टी का जोर छोटे-छोटे सम्मेलनों पर है, जिनमें नेता उन समुदायों के लोगों को पार्टी की तरफ खींचने की कोशिश करेंगे, जो अब तक कांग्रेस का वोट बैंक माने जाते हैं. इसके लिए दूसरे राज्यों से संबंधित समुदायों और जातियों के बड़े नेताओं को दिल्ली बुलाया जा रहा है.
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष विजय गोयल ने कहा है कि देखो भाई, अब अदालत ने कहा है कि जाति आधार पर रैलियां नहीं हो सकती हैं, तो हम नहीं करेंगे, लेकिन जातियों की अपनी समस्याएं उनके लिए सम्मेलन तो हो सकते हैं, हम इस तरह के सम्मेलन कर रहे हैं और इनमें हम समस्याएं उठाएंगे.
अब गोयल साहब की मुस्कान खुद बता रही है कि मामला कहीं पर निगाहें कहीं पे निशाने का है, क्योकि असल मकसद तो जातिगत वोट हथियाना है. इसके लिए तैयारी कैसी है ये बीजेपी के दफ्तर में घूम रहे जनाब बताएंगे.
बीजेपी अब तक सवर्णों और उच्चा वर्ग की पार्टी मानी जाती है, ऐसे में अब पार्टी अपनी छबि बदलने की कोशिश में ताकि दिल्ली की गद्दी पाने के लिए हर तरफ से वोट बटोरे जा सकें.