दिल्ली में कोरोना संक्रमण की वजह से जमानत और पेरोल पर रह रहे कैदियों को जल्द ही वापस अपने बैरक में लौटना पड़ सकता है. दिल्ली हाई कोर्ट में इस मामले में जल्द फैसला सुना सकता है.
डीजी जेल ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया है कि कोरोना के दौरान 216 जेल स्टाफ कोरोना से संक्रमित हो गए थे, जिनमें से अबतक 206 ठीक हो चुके हैं.
आज दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट में हलफनामा देकर कहा है कि कुल 5581 कैदी जेल से जमानत और आपातकालीन पेरोल पर बाहर हैं. अदालत ने कहा कि तिहाड़ जेल में सख्त नियमों और उपायों की वजह से कोरोना का संक्रमण बड़े पैमाने पर नहीं फैला.
इस दौरान कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अदालत कैदियों को कोरोना की वजह से जमानत में दी गई बढ़ोतरी को खत्म करने पर विचार कर रही है. कैदियों को पहले सरेंडर करना चाहिए और ट्रायल कोर्ट से मेरिट के आधार पर बेल लेना चाहिए. कोरोना की वजह से बेल का ये चैप्टर बंद होना चाहिए.
अदालत ने कहा है कि कुछ कैदियों ने गंभीर अपराध किया है और उनका बेल लगातार बढ़ता जा रहा है. इस मामले में कैदियों को सरेंडर करने के लिए कहा जा सकता है.
जेल अधिकारियों ने अदालत को बताया है कि अभी मात्र 3 कैदी ही कोरोना से संक्रमित हैं. इस पर अदालत ने कहा कि ये कोई बड़ी संख्या नहीं है और कोरोना की वजह से अंतरिम जमानत में लगातार विस्तार खत्म होना चाहिए. अदालत ने कहा कि दिल्ली की जेलों में वैसी ही स्थिति होनी चाहिए जैसी कि जनवरी महीने में थी. इस मामले में अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा है.