दिल्ली में शुक्रवार को वीवीआईपी इलाके में हुए धमाके के बाद सुरक्षा व्यवस्था भी सवाल उठ रहे हैं. शुक्रवार को जब राजपथ पर बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी चल रही थी तो उससे मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर इजरायली दूतावास के नजदीक 100 से 150 मीटर की दूरी पर शाम को 5 बजकर 5 मिनट पर जिंदल हाउस के सामने IED ब्लास्ट हुआ है.
अब तक की जांच में सामने आया है कि साजिशकर्ताओं ने सड़क के किनारे पौधों के नीच विस्फोटक छिपाकर रखा था. अब जांच एजेंसियां ये पता करने में जुटी हैं कि दहशतगर्द कैसे धमाका करने में सफल रहे.
घटनास्थल पर सीसीटीवी नहीं
इस बीच प्राथमिक जांच में एक हैरान करने वाली खबर है. वीवीआईपी इलाका होने के बावजूद घटनास्थल के पास सीसीटीवी नहीं है. जबकि दिल्ली में काफी पहले से ही वीवीआईपी इलाकों में सीसीटीवी लगाने पर सहमति हुई थी. बावजूद इजरायली दूतावास जैसा संवेदनशील इलाका होने पर भी यहां सीसीटीवी नहीं लगा था.
बगल में मौजूद सीसीटीवी खराब
जिस जगह पर धमाका हुआ है वहां तो सीसीटीवी नहीं है, लेकिन उसके बगल में सीसीटीवी लगा तो जरूर है, लेकिन ये सीसीटीवी भी खराब है. इसकी वजह से दिल्ली पुलिस को आस-पास के सीसीटीवी से तस्वीरें लेनी पड़ रही हैं. इसके अलावा सवाल ये है कि सीसीटीवी खराब क्यों था, क्या इसके पीछे भी किसी तरह की साजिश है.
धमाके में लोकल नेटवर्क?
पूर्व रॉ अधिकारी जयदेव रानाडे ने आजतक से कहा है कि इस धमाके को अंजाम देना लोकल नेटवर्क के सपोर्ट के बिना संभव नहीं है. लेकिन खुफिया एजेंसियां इस लोकल नेटवर्क के बारे में जानकारी देने में नाकाम रहीं.
VVIP इलाके में कैसे रख गया विस्फोटक
पूर्व आईपीएस यशोवर्धन आजाद ने कहा कि देश में इजरायली ठिकानों की काफी सख्त सुरक्षा रहती है, इजरायली प्रतिष्ठानों को सर्वोत्तम सुरक्षा मिलती है. बावजूद इसके दहशतगर्द सड़क में डिवाइडर पर विस्फोटक रखने में कैसे कामयाब हुए, ये बेहद चिंताजनक है?
त्रुटिविहीन और अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा कि ये धमाका भले ही लो इंटेंसिटी का हो, लेकिन बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी से पहले राजपथ पर जहां प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति मौजूद थे वहां से मात्र दो किलोमीटर की दूरी में धमाका होना ये बताता है कि हमारी सुरक्षा का घेरा तोड़ा जा सकता है.