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पुलिसकर्मियों के पॉकेट पर लगेंगे बॉडी कैमरा, चालान काटने पर रखेंगे निगाह

अब हर ट्रैफिक पुलिस कर्मी की जेब पर नियम तोड़ने वाले लोगों के रिकॉर्ड रखने के लिए बॉडी कैमरा लगाया जाएगा. कैमरा रिकॉर्ड रखेगा कि ट्रैफिक नियम उल्लंघन के किस जुर्म में कितना जुर्माना लगाया गया है.

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चालान काटते दिल्ली पुलिस कर्मी (IANS)
चालान काटते दिल्ली पुलिस कर्मी (IANS)

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  • हर ट्रैफिक उल्लंघन का रिकॉर्ड होगा दर्ज
  • इससे भ्रष्टाचार में कमी आने की संभावना
  • पुलिस का दावा, पहले से कम हुईं दुर्घटनाएं

नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू हो गया है. इसके बाद ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों से भारी-भरकम जुर्माना वसूला जा रहा है. इससे लोगों की परेशानी बढ़ी है. खबरें ऐसी भी आई हैं जिनमें किसी की सैलरी या उनकी गाड़ी की कीमत से ज्यादा जुर्माना लगाया गया है.

कई लोगों का यह भी मानना है कि यह कानून संभवतः भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला है क्योंकि पुलिस को इस तरह के भारी जुर्माने के साथ अधिक लाभ होगा. इसे देखते हुए अधिकारियों ने जवाबदेही तय करने की योजना बनाई है. अब हर ट्रैफिक पुलिस कर्मी की जेब पर नियम तोड़ने वाले लोगों के रिकॉर्ड रखने के लिए बॉडी कैमरा लगाया जाएगा. कैमरा रिकॉर्ड रखेगा कि ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के किस जुर्म में कितना जुर्माना लगाया गया है.

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अधिकारियों को हर उल्लंघन को पकड़ने का निर्देश दिया गया है. बिना रिकॉर्डिंग के कोई भी चालान जारी नहीं किया जाएगा. उल्लंघन से लेकर चालान को छापने तक हर चीज का रिकॉर्ड रखना होगा. इससे पुलिस के पास उल्लंघन के सबूत तो रहेंगे ही, सात ही यह उन लोगों के खिलाफ पुलिस को सशक्त बनाएगा जो कानून तोड़ते समय अपने रसूख का गलत फायदा उठाते हैं.

इस टेक्नोलॉजी को नए मोटर व्लीकल एक्ट को लागू करने के लिए शामिल किया गया है. नए कानून के तहत शराब पीकर गाड़ी चलाने पर 10 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है जबकि पहले यह राशि 2 हजार रुपए थी. खतरनाक ढंग से गाड़ी चलाने के जुर्म में अब 5 हजार रुपये वसूले जा रहे हैं जबकि पहले 1 हजार रुपये का जुर्माना था. इसी के साथ ट्रैफिक नियमों के हर उल्लंघन पर जुर्माने की राशि पहले की तुलना में काफी ज्यादा बढ़ा दी गई है.

नए कानून के बारे में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, लोगों में गलत धारणा है. यदि वे कानूनों का पालन करते हैं, तो कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा. जुर्माना वसूलने के लिए कानून नहीं बनाया गया है. इसे लागू किया गया है ताकि लोग यातायात नियमों को गंभीरता से लें और उनका उल्लंघन न करें.

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नए कानून का असर कितना हो रहा है, इसके जवाब में तुगलक रोड के ट्रैफिक इंस्पेक्टर करमवीर सिंह ने कहा, 'इस कानून ने लोगों को अधिक जागरूक बनाया है. उल्लंघन और दुर्घटनाएं अपेक्षाकृत कम हो गई हैं. यह कानून सुनिश्चित करेगा कि हर कम्यूटर नियमों का पालन करे. हम कैमरे का प्रयोग इसलिए कर रहे हैं ताकि भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश न रहे और उल्लंघन के सबूत भी हमारे पास रहे.'

पिछले महीने संसद से पारित मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक 2019 के अनुसार दंड को और कठोर किया गया है. इसका प्रमुख उद्देश्य लोगों के मन में कानून का डर पैदा करना है, जिससे कि यातायात उल्लंघन में कमी आएगी. अगर कोई बिना सीटबेल्ट लगाए गाड़ी चलाते हुए पकड़ा जाता है, तो उस पर 1000 रुपये का जुर्माना लगेगा, जो कि पहले मात्र 100 रुपये था.

अगर कोई गाड़ी चलाने के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे 1000-5000 रुपये तक का जुर्माना देना पड़ेगा, जो कि पहले 1000 रुपये था. पहले नशे में गाड़ी चलाने पर 2000 रुपये का जुर्माना लगता था, जिसे अब बढ़ाकर 10000 रुपये कर दिया गया है. एक फैसले के अनुसार, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड जैसे आपातकालीन वाहनों को रास्ता न देने के लिए ड्राइवर पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.

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