पिछले पांच वर्षों से दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में अपने बूथ की लड़ाई लड़ रहे दिव्यांग जंग बहादुर की आंखों में उस समय चमक आ गई जब अदालत ने गिरफ्तार बूथ माफिया और केस के आरोपी नंदलाल आहूजा को तिहाड़ जेल भेज दिया. अदालत के आदेश के बाद जंग बहादुर ने दिल्ली आजतक को फोन कर धन्यवाद दिया.
दरअसल पांच वर्ष पहले 13/05/2013 को दिल्ली आजतक पर बूथ माफिया की खबर प्रसारित की गई थी जिसके बाद ही जंग बहादुर को पता चला था कि करोलबाग के भगवती मार्केट स्थित उनका एमसीडी से एलॉट किया गया बूथ, बूथ माफियाओं ने धोखाधड़ी करके हथिया लिया. अदालती कार्रवाई के बाद बूथ माफिया विष्णु भाग गया, लेकिन जंग बहादुर को उम्मीद है कि उनका बूथ उन्हें जल्द ही मिल जाएगा.
जंग बहादुर का बूथ करोलबाग की भगवती मार्केट में पीसी ज्वैलर्स के ठीक सामने अब सुनसान पड़ा है. दिल्ली आजतक पर खबर देखकर जंग बहादुर समेत तीन एलॉटी सामने आए जिनके बूथ को हथिया लिया गया था.
पैरों से लाचार रामकुमार राय ट्राई साइकिल या फिर बैसाखी के सहारे ही चल- फिर सकते हैं लेकिन पीसीओ बूथ माफियाओं ने उनका भी बूथ हथिया लिया. इतना ही नहीं विकलांगों के लिए बने दर्जनों पीसीओ बूथ को हथियाकर बूथ माफिया मालामाल हो गए. करोलबाग इलाके में साल 2009 से 2011 के बीच विकलांगों लिए बने करीब 16 पीसीओ बूथ हथिया लिये थे, इस घोटाले को 'विकलांग बूथ घोटाला' कहा गया था.
ये है मामला
दरअसल विकलागों को एलॉट होने वाले पीसीओ बूथ एमसीडी अधिकारियों की मिलीभगत से एक ही पते पर अलग- अलग नाम से फर्जी लोगों को एलॉट कर दिए गए थे. आरटीआई के जरिए राम कुमार राय ने तमाम जानकारी निकाली और फिर बूथ माफिया के खिलाफ हल्ला बोल दिया. दिव्यांग आरटीआई आवेदक राम कुमार राय ने कहा कि कई बार बूथ माफियाओं से धमकी मिली, जान से मारने की कोशिश भी की गई लेकिन वो डरे नहीं और अभी भी लड़ाई जारी रहेगी.
आपको बता दें कुछ साल पहले एमसीडी ने दिव्यांगों की मदद के लिए पीसीओ बूथ एलॉट किया था लेकिन एमसीडी के कुछ अधिकारियों ने बूथ माफियाओं के साथ मिलकर फर्जी पते और जाली पहचान के साथ बूथ का अलॉमेंट अलग-अलग नामों पर करवा लिया था, जबकि इन अलॉटेड पीसीओ बूथ को किसी दिव्यांग को ही ट्रांसफर या एलॉट किया जा सकता है.