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ये है जागृति सिंह का असली चेहरा, जिसे पढ़कर रौंगटे खड़े हो जाएं

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सांसद धनंजय सिंह की पत्नी जागृति सिंह ना सिर्फ अपने नौकरों को बर्बरता से पीटा करती थी बल्कि उसने निगरानी के लिए उनके कमरों में सीसीटीवी कैमरे भी लगवा दिए थे. नाबालिग नौकर द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर से ये खुलासा हुआ है.

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जागृति सिंह
जागृति सिंह

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सांसद धनंजय सिंह की पत्नी जागृति सिंह ना सिर्फ अपने नौकरों को बर्बरता से पीटा करती थी बल्कि उसने निगरानी के लिए उनके कमरों में सीसीटीवी कैमरे भी लगवा दिए थे. नाबालिग नौकर द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर से ये खुलासा हुआ है.

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एफआईआर में दर्ज बयान के मुताबिक, 'भाभी (जागृति) ने हमारे कमरों और बाथरूम में सीसीटीवी कैमरे लगवा रखे थे. वह हमें छोटी-छोटी बातों पर पीटा करती थी' एफआईआर के मुताबिक राखी ने धनंजय सिंह के घर फरवरी, 2013 से काम शुरू किया था. 1 अप्रैल को जागृति ने खाना ठीक से ना बनाने के कारण राखी की झाड़ू से पिटाई की. उसने राखी के बाल भी काट दिए.'

उत्तर प्रदेश के जौनपुर से बीएसपी सांसद और उनकी पत्नी जागृति सिंह को नौकरानी (राखी) की हत्या मामले में सबूत मिटाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. बुधवार को अदालत ने उन्हें 5 दिन के लिए पुलिस रिमांड पर सौंप दिया.

नाबालिग नौकर की शिकायत के मुताबिक, 'एक बार बुरी तरह पिटाई के बाद जब राखी के माथे से खून आ गए तो उसने कोई सहानुभूति ना दिखाते हुए मुझे उसे धोने के लिए कह दिया. मैं एक बार एक्वेरियम में पानी भर रहा था तभी पानी की मोटर फुंक गई. उसने मुझे हिरन के आर्टिफिशल सींगों से पीटा. इतना ही नहीं, एक बार राखी को डंडे से इतना बुरी तरह मारा कि वह टूट ही गया. इसके बाद भी उसका मन नहीं भरा तो उसने टूटे डंडे के नुकीले किनारे चुभो-चुभोकर राखी को घायल कर दिया.'

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जब कभी घर पर सांसद धनंजय आते और तीनों नौकर उनसे जागृति की शिकायत करते, तो सांसद कहते, 'तुम लोग गलती क्यों करते हो.' भाभी को देख-देखकर एमपी साहब (सांसद धनंजय सिंह) ने भी हमें दो बार जूतों से पीटा. भाभी कई बार एपी साहब से हमारी शिकायत कर दिया करती थी. वो हमें चेतावनी देते थे कि अपना काम ठीक से करो नहीं तो पिटाई होगी.

नाबालिग नौकर ने बताया, 'कुछ दिनों पहले भाभी ने मुझसे टूटे गिलास के बारे में पूछा, मैंन इस बारे में कुछ पता होने से इनकार कर दिया. लेकिन उन्होंने मेरी पीठ और पेट प्रेस से जला दिया. इतना ही नहीं वह हमें अकसर बंद भी कर दिया करती थी. बालकनी में जाली लगी थी और उस पर ताला लगा दिया जाता था ताकि हम किसी बाहर वाले से बात ना कर पाएं. उन्होंने हमें चेतावनी दे रखी थी कि अगर हमने कुछ ऐसा-वैसा करने की कोशिश की तो गार्ड हमें गोली मार देगा. एक बार मैंने गाड़ी का कवर उठाने के लिए गार्ड से मदद मांगी. भाभी ने सीसीटीवी में देख लिया और मुझे बुरी तरह मारा.'

नाबालिग नौकर ने शिकायत में कहा है कि राखी जागृति के बच्चे की देखभाल किया करती थी. कोई भी दिक्कत होती थी तो वह उसे बाल पकड़कर डंडे से मारती थी. एक बार तो उसने एमपी साहब को फोन किया और कहा कि वह राखी को मार देगी. एक दिन जब घायल अवस्था में होने के कारण जब राखी धीरे-धीरे काम कर रही थी तो भाभी बहुत गुस्सा हो गई. वह उसे बहुत देर तक मारती रही और उस दिन उसे घर में सोने नहीं दिया. वह बाहर सोई.

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