चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंड्स्ट्री (सीटीआई) ने मंगलवार को भूख हड़ताल का आह्वान किया है. सीटीआई कन्वीनर बृजेश गोयल का दावा है कि इस भूख हड़ताल में शामिल होने के लिए अब तक 200 ट्रेड एसोसिएशन हामी भर चुके हैं.
सीटीआई के कन्वीनर बृजेश गोयल का कहना है कि सीलिंग के मुद्दे पर व्यापारी एमसीडी, दिल्ली सरकार और सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमिटी के पास गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई हल नहीं निकला है. ट्रेड विंग का मानना है कि सीलिंग से निजात केवल केन्द्र सरकार दिला सकती है. व्यापारियों का कहना है कि सीलिंग के मसले लर केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को भी एक पत्र लिखा गया था, लेकिन अभी तक सीलिंग रोकने के पक्ष में कोई कदम नहीं उठाया गया है.
सीटीआई के उपाध्यक्ष प्रदीप गुप्ता का कहना है कि 23 जनवरी को यह सोचकर एक दिन के लिए दिल्ली बंद की थी कि शायद केंद्र हमारी बात को गंभीरता से समझेगी. लेकिन केन्द्र सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी. यही कारण है कि सीटीआई ने मंगलवार को भूख हड़ताल का आह्वान किया. चैम्बर योफी ट्रेड एंड इंडस्ट्री के महासचिव रमेश आहूजा ने बताया कि वो खुद भूख हड़ताल पर बैठेंगे. इस दौरान ताले, काटोरे और खाली थालियों के साथ व्यापारी प्रदर्शन भी करेंगे.
मंगलवार सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक उक्त सभी व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधि और कई अन्य व्यापारिक संगठनों के सदस्य करोलबाग मार्केट में भूख हड़ताल पर बैठेंगे. व्यापारियों की मांग है कि केंद्र सरकार कन्वर्जन चार्ज और एफएआर में संशोधन करे. साथ ही मास्टर प्लान 2021 में भी बदलाव करे. मांग न मानने पर व्यापारियों ने अनिश्चित कालीन हड़ताल की चेतावनी दी है.