दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के बाहर शनिवार को बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जमा हो गए. शांतिपूर्ण तरीके से जारी विरोध प्रदर्शन में हिंदू-मुस्लिम एकता के नारे लगाए जा रहे हैं. जामिया में प्रदर्शनकारियों के हाथ में 'हिंदू मुस्लिम भाईचारा हिंदुस्तान है हमारा' लिखे बैनर और पोस्टर दिखाई दे रहे हैं. हालांकि इस दौरान उन्होंने 'मोदी-शाह होश में आओ, हिंदू-मुस्लिम मत करो' के नारे लगाने लगे.
इसी इलाके में एक सप्ताह पहले नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुआ था, जिसके बाद से यह आंदोलन पूरे देश में फैल गया है. प्रदर्शन में स्थानीय लोगों के साथ विद्यार्थी भी शामिल हुए और उन्होंने 'वी वांट जस्टिस' के नारे लगाए.
वहीं दिल्ली के राजघाट पर भी नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का विरोध किया जा रहा है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह कानून एक खास समुदाय के लोगों के खिलाफ है. इसका पुरजोर विरोध होना चाहिए और सरकार को इस फैसले को बदलना चाहिए.
सीएए विरोधी प्रदर्शन में परोसी बिरयानी
नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे उन प्रदर्शनकारियों के लिए शनिवार दोपहर का भोजन चिंता का कारण नहीं था, जो सुबह-सुबह ही जामिया पहुंच गए. इन प्रदर्शनकारियों के लिए बिरयानी नजदीक के ही जामिया नगर में तैयार की गई. दोपहर होते होते बड़े-बड़े बर्तनों में वेज और नॉन वेज दोनों तरह की बिरयानी जामिया विश्वविद्यालय परिसर के बाहर वाहनों के जरिए पहुंचाई जाने लगी. बिरयानी के साथ ही पीने के पानी के हजारों पाउच भी यहां पहुंचाए गए.
दरअसल, जामिया के आसपास के सभी ढाबे-होटल यहां तक कि छोटे टी स्टॉल भी बंद हैं. ऐसे में सुबह से रात तक यहां डटे रहने वाले प्रदर्शनकारियों के खाने-पीने का इंतजाम जामिया के कुछ छात्रों की मदद से स्थानीय लोग कर रहे हैं.
बांग्लादेशी बरसा रहे थे पत्थर
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर मचे बबाल में एक डराने वाला सच भी सामने आया है.
दिल्ली पुलिस के उच्च पदस्थ सूत्रों ने शनिवार को आईएएनएस को बताया, "दक्षिण पूर्वी जिला पुलिस ने जिन लोगों को अब तक हिंसा के लिए पकड़ा है, उनमें चार बंग्लादेशी हैं. चारों बांग्लादेशी अवैध रूप से लंबे समय से जिले की तैमूर नगर कॉलोनी में छिपकर रह रहे थे. न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाना पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद जब इनसे हिंसा में शामिल होने की वजह पूछी तो वे साफ साफ नहीं बता सके. उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि उन्हें तो बस इतना बताया गया था कि बांग्लादेशियों को भारत से भगाया जा रहा है."