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CAG रिपोर्ट में केजरीवाल सरकार की ढेरों खामियां, दिल्ली सरकार-दोषियों पर होगी कार्रवाई

सदन में CAG की रिपोर्ट पेश करते हुए सिसोदिया ने बताया कि अगर CAG रिपोर्ट के अनुसार किसी मंत्री या अधिकारी से गड़बड़ी हुई है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. इस रिपोर्ट के जरिए उन्होंने दिल्ली में कई वित्तीय अनियमितताओं का जिक्र भी किया.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

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उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को दिल्ली विधानसभा में CAG की रिपोर्ट पेश की जिसे 3 हिस्सों में तैयार किया गया है. CAG ने दिल्ली सरकार के कामकाज पर बारीक नजर से अध्ययन किया है.

सदन में CAG की रिपोर्ट पेश करते हुए सिसोदिया ने बताया कि अगर CAG रिपोर्ट के अनुसार किसी मंत्री या अधिकारी से गड़बड़ी हुई है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. इस रिपोर्ट के जरिए उन्होंने दिल्ली में कई वित्तीय अनियमितताओं का जिक्र भी किया.

2016-17 के दिल्ली सरकार के कामकाज पर CAG रिपोर्ट

-2,682 डीटीसी बसों का बीमा नहीं होने से टाटा मोटर्स को करोड़ों का फायदा.

-SDMC ने नाले के निर्माण और सुंदरीकरण पर 30.92 करोड़ खर्च किए जाने पर सवाल उठाए.

-नौरोजी नगर और पुष्प विहार में पर्यावरण के मानदंडों की अनुपालना किए बिना नालों को ढकने के कारण 40.58 करोड़ का खर्च.

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-खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अधीन लाभार्थियों के पंजीकरण में कमी.

-तीन मेडिकल कॉलेजों (टिबिया कॉलेज, बीआर सुर होम्योपैथी कॉलेज, चौधरी ब्रह्म प्रकाश चरक संस्थान) में 37 से 52% डॉक्टर, फार्मासिस्ट और नर्स कैडर में कमी.

-दिल्ली में 68 रक्त कोषों में से 32 केंद्र बिना लाइसेंस के ही चल रहे हैं.

-2 अक्टूबर 2014 से भारत सरकार की ओर से शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन से ढाई साल तक एक भी शौचालय नहीं बना. जबकि इसके लिए 40.31 करोड़ की रकम आवंटित की गई, लेकिन इस्तेमाल नहीं किया गया.

-जल बोर्ड की ओर से खरीदे गए 3.18 करोड़ के उपकरणों का कोई उपयोग नहीं हो सका.

-सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद मयूर विहार में दिल्ली हाट बनाने में 39.66 लाख रुपये का खर्च बेकार हुआ.

-द्वारका-8 डिपो के विकास में निगरानी रखने में डीटीसी विफल रहा जिससे 50.72 लाख रुपये बिजली बिल आया.

-अपेक्षित वैट से सरकार को 416.94 करोड़ की कम प्राप्ति हुई.

-सड़क नेटवर्क तैयार करने के लिए जिम्मेदार एजेंसियां शिकायतों का समाधान करने में विफल रहीं.

-EDMC ने वजीराबाद सड़क से शिव विहार तिराहा और करावल नगर सड़क की अपूर्ण रिमोल्डिंग में 8.34 करोड़ बर्बाद किए।

-नार्थ DMC पर 66.98 करोड़ की भूमि की लागत और भूमि किराया की वसूली नहीं हुई.

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-राष्ट्रीय खेलकूद 2001 नीति को अंतिम रूप नहीं दिया गया. 13 जिलों में से तीन जिलों में खेलकूद की सुविधा नहीं. 6 जिलों में 7.69 लाख छात्रों के बावजूद स्विमिंग पूल के इलावा कोई खेलकूद अन्य सुविधा नहीं.

-2003 में दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल भूमि अधिग्रहण के बावजूद जून 2017 तक स्थापित नहीं हुआ.

-2014-17 के दौरान वृक्षरोपण में 23% की कमी आई है, 36.57 लाख की जगह 28.12 लाख ही वृक्ष लगाए गए.

-2016-17 में दिल्ली में स्वैच्छिक रक्त संग्रहण घटा है.

-रक्त कोषों की कार्यप्रणाली पर निरीक्षण और निगरानी नाकाफी.

-26 अस्पतालों की ओर से 14.79 करोड़ के परिवहन भत्ते का अनियमित भुगतान.

-दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान में स्टाफ की कमी के कारण उपक्रम निष्क्रिय पड़े हुए हैं.

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