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दिल्ली में कोरोना फंड की अनदेखी, मरीजों का फर्श पर इलाज... CAG की दूसरी रिपोर्ट की बड़ी बातें

विधानसभा में पेश हुई CAG की दूसरी रिपोर्ट में दिल्ली की पिछली आम आदमी पार्टी सरकार के दौरान अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिक में गड़बड़ियों और धांधलियों का दावा किया गया है. सीएजी की दूसरी रिपोर्ट में लिखा है कि 18 मोहल्ला क्लीनिकों में थर्मामीटर नहीं है. 45 मोहल्ला क्लीनिकों में एक्स-रे व्यूअर नहीं है. 21 मोहल्ला क्लीनिकों में पल्स ऑक्सीमीटर नहीं हैं.

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CAG की दूसरी रिपोर्ट विधानसभा में पेश की गई
CAG की दूसरी रिपोर्ट विधानसभा में पेश की गई

दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर CAG की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 से निपटने के लिए केंद्र सरकार से मिले 787.91 करोड़ रुपये में से सिर्फ 582.84 करोड़ रुपये ही खर्च किए गए, जबकि बाकी राशि बिना उपयोग के रह गई. इसके चलते कोरोना संकट के दौरान जरूरी सुविधाओं की भारी कमी रही. CAG की रिपोर्ट में फंड की अनदेखी और भ्रष्टाचार के आरोप हैं. 

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विधानसभा में पेश हुई CAG की दूसरी रिपोर्ट में दिल्ली की पिछली आम आदमी पार्टी सरकार के दौरान अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिक में गड़बड़ियों और धांधलियों का दावा किया गया है. सीएजी की दूसरी रिपोर्ट में लिखा है कि 18 मोहल्ला क्लीनिकों में थर्मामीटर नहीं है. 45 मोहल्ला क्लीनिकों में एक्स-रे व्यूअर नहीं है. 21 मोहल्ला क्लीनिकों में पल्स ऑक्सीमीटर नहीं हैं. 12 मोहल्ला क्लीनिकों में वजन मापने की मशीनें नहीं हैं. 21 मोहल्ला क्लीनिकों में शौचालय नहीं हैं. कोविड फंड के 205 करोड़ रुपये खर्च नहीं हुए. कुल 6 सालों में दिल्ली सरकार ने 2623.35 करोड़ के फंड का इस्तेमाल ही नहीं किया.

27 अस्पतालों में से 14 में ICU सेवा उपलब्ध नहीं

CAG रिपोर्ट कह रही है कि 2017-2022 के बीच 27 अस्पतालों में से 14 में ICU सेवा उपलब्ध नहीं थी, 16 अस्पतालों में ब्लड बैंक की सुविधा नहीं थी, 8 अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई नहीं थी, तो 12 अस्पतालों में एंबुलेंस की सुविधा नहीं थी. CAG रिपोर्ट ने इसके बाद जो बताया वो और गंभीर है, क्योंकि दावा है कि तब 32 हजार नए बेड जोड़ने का वादा हुआ लेकिन सिर्फ 1 हजार 357 बेड ही जोड़े गए, जो कि कुल लक्ष्य का मात्र 4.24% है, कई अस्पतालों में बेड की भारी कमी रह गई. एक बेड पर 2-2 मरीजों को रखा गया. यहां तक कि सरकारी देश की राजधानी दिल्ली की तत्कालीान सरकार के तहत आने वाले कई अस्पतालों में मरीजों को फर्श पर इलाज कराना पड़ा.

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प्रोजेक्ट में देरी होने पर बढ़ी लागत

रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि दिल्ली में तीन नए अस्पताल बनाए गए, लेकिन सभी प्रोजेक्ट पहले की सरकार के कार्यकाल में शुरू हुए थे. इनके निर्माण में 5 से 6 साल तक की देरी हुई और लागत भी बढ़ गई. रिपोर्ट कहती है कि इंदिरा गांधी अस्पताल को बनाने में 5 साल की देरी हुई तो लागत 314 करोड़ रुपये बढ़ गई. बुराड़ी अस्पताल को बनाने में 6 साल की देरी से लागत 41 करोड़ 26 लाख रुपए बढ़ी. ऐसे ही एमए डेंटल अस्पताल के फेज-2 में 3 साल की देरी से लागत 26 करोड़ से ज्यादा बढ़ी. 

बीजेपी का केजरीवाल पर हमला

अब बीजेपी कह रही है कि CAG की रिपोर्ट्स में दिल्ली की पिछली केजरीवाल सरकार को लेकर खुलासे हो रहे हैं, इसलिए आम आदमी पार्टी की विपक्ष की नेता आतिशी और उनके विधायक, भ्रष्टाचार के खुलासे को दबाने के लिए हंगामा मचा रहे हैं, जबकि आम आदमी पार्टी कह रही है CAG की रिपोर्ट्स में कुछ भी नहीं है, ये केवल चुनाव में किए गए वादों से ध्यान हटाने के लिए बीजेपी सारा ड्रामा कर रही है.

रेखा सरकार ने किए 2 बड़े काम

इसके अलावा दिल्ली की रेखा सरकार ने आज 2 बड़े काम किए हैं, एक तो CAG की दूसरी रिपोर्ट विधानसभा में पेश की है, दूसरा दिल्ली की सुरक्षा और कई अहम मुद्दों को लेकर सीएम रेखा गुप्ता ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ एक बड़ी और अहम बैठक की है. सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय गैंग पर चर्चा हुई, अब से दिल्ली में डबल इंजन की सरकार का अलग से चेहरा नज़र आएगा और 100 परसेंट सुरक्षा दिल्ली वालों को दी जाएगी. अब आदमी पार्टी इस बैठक पर भी बीजेपी को घेर रही है, और कह रही है कि अगर ऐसी बैठक पहली होती जाती तो दिल्ली में जो पिछले 10 सालों में कई अपराध हुए, शायद वो ना होते. 

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 AAP का बीजेपी पर पलटवार

आम आदमी पार्टी के नेता सोमनाथ भारती ने कहा कि ये मीटिंग बहुत पहले होनी चाहिए थी, इस तरह की मीटिंग सिर्फ बीजेपी के लिए ही हो रही है, किसी और के लिए क्यों नहीं. आप संविधान के लिए काम करें. इस प्रकार की मीटिंग पहले हो गई होती तो मर्डर और रेप जैसी घटनाएं रुक जातीं. दिल्ली में लड़ाई बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच इसलिए ज़ोरदार चल रही है, क्योंकि बीजेपी कह रही है कि जो आप खुद को कट्टर ईमानदार पार्टी कहती थी, वो कट्टर बेईमान पार्टी है, और आम आदमी पार्टी कह रही है कि बीजेपी ने जो दिल्ली की जनता से वादों की घोषणाएं करके चुनाव जीता है, वो अब अपने वादों को पूरा नहीं करना चाहती है.

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