कनाडा के साथ रिश्ते बिगड़ने के बाद भारत ने अपने हाई कमिश्नर संजय वर्मा और दूसरे राजनयिकों को वापस बुला लिया है. इस बीच दिल्ली लौटे हाई कमिश्नर संजय वर्मा ने आज तक से एक्सक्लूसिव बातचीत की. उन्होंने कनाडा की उस पूरी क्रोनोलॉजी के बारे में बताया, जिसमें भारतीय उच्चायुक्त सहित 5 दूसरे राजनयिकों को 'पर्सन ऑफ इंट्रेस्ट' बताया गया था.
हाई कमिश्नर संजय वर्मा ने कहा,'12 अक्टूबर को रविवार का दिन था. मुझे कनाडा के विदेश मंत्रालय ने बुलाया. हम सुबह के समय वहां गये. कुछ देर की बातचीत के बाद उन्होंने मुझे एक नोट पकड़ाया. जिसमें यह लिखा था कि मैं और मेरे 5 साथी 'पर्सन ऑफ इंट्रेस्ट' हैं.
पहले भारत ने राजनयिकों को वापस भेजा
हाई कमिश्नर और दोनों देशों के बीच मैसेंजर होने के नाते मैंने उस नोट को दिल्ली भेज दिया. इसके बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने कनाडा के हाई कमिश्नर को बुलाया और कहा कि भारत सरकार ने तय किया है कि कनाडा 6 राजनयिकों को भारत छोड़ना होगा. इसे कनाडा को रिपोर्ट किया गया. इसके बाद दूसरे दिन एक ईमेल के जरिये कनाडा की तरफ से हमें नोटिफिकेशन भेजा गया, जिसमें कहा गया कि हम सभी 6 लोगों को अवांछित (Persona non grata) घोषित कर दिया गया है.
क्या होता है इस शब्द का मतलब?
बता दें कि Persona non grata एक लैटिन शब्द है, जिसका कूटनीतिक मतलब 'स्वागत योग्य नहीं व्यक्ति', या अवांछित व्यक्ति होता है. सीधे तौर पर यह कहा जा सकता है कि इसका मतलब है कि कोई देश विदेशी राजनयिक को अपने देश बुलाये जाने केल लिये कह रहा है. इसके बाद भी अगर राजनयिक को वापस नहीं बुलाया जाता है तो मेजबान देश उस शख्स को राजयनिक मिशन का सदस्य मानने से इनकार कर सकता है.
कनाडा ने नहीं सौंपा ठोस सबूत
उच्चायुक्त से जब पूछा गया कि कनाडा ने जो आरोप लगाये हैं, क्या उसे लेकर अब तक कोई सबूत भारत को सौंपा गया है. इस पर संजय वर्मा ने कहा कि उन आरोपों को लेकर हमें एक भी ऐसा ठोस सबूत नहीं दिया गया है, जो कानूनी तौर पर स्वीकार्य हो.
'उन्हें हमें पूरे डोजियर्स देने होंगे'
हाई कमिश्नर संजय वर्मा ने आगे कहा,'अगर कनाडा अपने एजेंडे के हिसाब से चलता रहेगा तो हम आगे कुछ नहीं कर पायेंगे. उन्हें हमें पूरे डोजियर्स देने होंगे. ऐसा नहीं हो सकता कि कोई सड़क पर खड़े होकर कह दे कि भारत बुरा है और इसे मान लिया जाये. यह कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं है.'