दिल्ली की एक अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ एक आपराधिक मानहानि शिकायत मामले में आरोप तय करने के लिये 23 अगस्त की तारीख तय की है.
दरअसल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रांजल अनेजा को मंगलावार को मामले में आरोप तय करना था. लेकिन वह छुट्टी पर थे. अदालत ने इससे पहले दोनों आप नेताओं और योगेंद्र यादव को आज अदालत के समक्ष पेश होने का आदेश दिया था. केजरीवाल और सिसोदिया ने इस आधार पर छूट की मांग की थी कि उन्हें मंगलवार से शुरू हो रहे दिल्ली विधानसभा के चार दिवसीय मॉनसून सत्र में हिस्सा लेना है. जबकि यादव अदालत में उपस्थित थे.
अदालत ने दो अगस्त को याचिका खारिज करने का दोनों आप नेताओं और यादव का अनुरोध अस्वीकार कर दिया था. इसके अलावा वकील सुरेंद्र कुमार शर्मा द्वारा दायर आपराधिक मानहानि शिकायत पर आरोप तय करने के बारे में आदेश दिया था. आम आदमी पार्टी आप ने सुरेन्द्र कुमार शर्मा को पार्टी का टिकट देने से इनकार कर दिया था. अदालत ने आदेश में कहा था कि आरोपी व्यक्तियों की दलीलों में कोई दम नहीं है और वह उनके खिलाफ सीआरपीसी के तहत आरोप तय करेगी.
दरअसल शर्मा ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि वर्ष 2013 में आप कार्यकर्ताओं ने यह कहकर उनसे संपर्क किया था कि केजरीवाल उनके सामाजिक कार्यों से प्रसन्न हैं और उन्हें पार्टी की टिकट पर दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिये कहा. सिसोदिया और यादव ने उनसे कहा था कि आप की राजनीतिक मामलों की समिति ने उन्हें टिकट देने का फैसला किया है, जिसके बाद शर्मा ने चुनाव लड़ने के लिये आवेदन पत्र भरा था. बहरहाल बाद में उन्हें पार्टी का टिकट नहीं मिला था.
गौरतलब है कि योगेंद्र यादव 2015 तक आप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य थे, जिन्हें कथित पार्टी-विरोधी गतिविधियों के लिये निष्कासित कर दिया गया है. इसके बाद उन्होंने स्वराज इंडिया नाम से अपनी पार्टी का गठन किया है