सीबीआई ने एक साइबर क्राइम रैकेट का भंडाफोड़ किया है और पश्चिम बंगाल के सिलिगुरी से एक आरोपी राहुल शॉ को गिरफ्तार किया है. वह 2021 से जर्मन नागरिकों को निशाना बनाकर उनके पैसे ठगने में शामिल था. अधिकारी के अनुसार, आरोपी की गिरफ्तारी जर्मन अधिकारियों से मिली जानकारी के आधार पर की गई है.
गैंग जर्मन नागरिकों को टेक्नीकल हेल्प देता था
गैंग जर्मन नागरिकों को तकनीकी सहायता सेवा देने का झांसा देकर उनके कंप्यूटर सिस्टम और बैंक खातों तक अनधिकृत रूप से पहुंच बना रहा था. सीबीआई ने आरोप लगाया कि इस गैंग ने 2021-22 के दौरान जर्मन नागरिकों से 646,000 यूरो (लगभग 5.5 करोड़ रुपये) की ठगी की और इस पैसे को क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट्स के जरिए हड़प लिया.
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा, 'सीबीआई ने ऑपरेशन चक्र-IV के तहत जर्मन अधिकारियों के साथ मिलकर इस साइबर क्राइम नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है.' सीबीआई ने हाल ही में राहुल शॉ, शुभम शर्मा, राजीव बुढिराजा और अन्य अज्ञात आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120-B (साजिश) और धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत एफआईआर दर्ज की है.
गैंग के सदस्य पीड़ितों को यह बता रहे थे कि उनके बैंक खातों से धोखाधड़ी हो रही है. इसके बाद, आरोपियों ने उन्हें 646,032 यूरो को अपनी क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट्स में ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया. सीबीआई ने 14 से 17 फरवरी के बीच दिल्ली, कोलकाता और सिलिगुरी में व्यापक छापे मारे.
ये सामना किए गए जब्त
सीबीआई ने राहुल शॉ को सिलिगुरी से गिरफ्तार किया और उसे दिल्ली की अदालत में पेश किया. इस दौरान, शॉ के घर से सात मोबाइल फोन, एक लैपटॉप और अपराध से संबंधित दस्तावेज बरामद किए गए. इसके अलावा, सीबीआई ने दार्जिलिंग के माटीगारा स्थित वेबेल आईटी पार्क में एक अवैध कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया और वहां से 24 हार्ड डिस्क बरामद किए जो कंप्यूटर सिस्टम से संबंधित थी.