आरूषि-हेमराज मर्डर केस में तलवार दंपत्ति को फिर से झटका लगा है. गाजियाबाद कोर्ट ने तलवार दंपत्ति की तीन में से दो याचिकाएं खारिज कर दी हैं.
एक याचिका में राजेश तलवार और नुपूर तलवार ने गाजियाबाद कोर्ट में 13 गवाहों के बयान दर्ज करने की मांग की थी. कोर्ट ने उनकी मांग को ठुकराते हुए सिर्फ सात लोगों की गवाही की मंजूरी दी है. जिन गवाहों की पेशी हो उनमें एम्स के पूर्व फोरेंसिक हेड आर.के. शर्मा, गाइनोकॉलोजिस्ट उर्मिला शर्मा, डेंटिस्ट अमूल्य चड्ढा, राजेन्द्र कौल, विकास सेठी और कारपेंटर महेन्द्र शर्मा शामिल हैं.
सीबीआई की विशेष अदालत ने मंगलवार को तलवार दंपति की दो याचिकाओं को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने वैज्ञानिक जांच की रिपोर्ट देखने और विभिन्न सबूतों की अपने डीएनए विशेषज्ञ से जांच कराने की मांग की थी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश श्याम लाल ने कहा कि बचाव पक्ष के गवाह आगामी 20 जून से पहले अदालत के समक्ष हाजिर हों.
अदालत ने उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक (अपराध एवं कानून-व्यवस्था) अरुण कुमार को बचाव पक्ष के गवाह के तौर पर बुलाने की तलवार दंपति की याचिका खारिज कर दी.
सीबीआई जज श्याम लाल ने अदालत में डा. आर के शर्मा की गवाही दर्ज करते वक्त सीबीआई को गोल्फ स्टिक भी पेश करने का निर्देष दिया है. शर्मा 20 जून की अपनी गवाही में गोल्फ स्टिक पर अपनी राय देंगे.
सीबीआई के जांच अधिकारी ए जी एल कॉल ने अदालत को बताया था राजेश तलवार ने अपने बेटी आरूषि और नौकर हेमराज को ‘आपत्तिजनक’ अवस्था में देख दोनों पर अपनी गोल्फ स्टिक से घातक हमला किया था.
अदालत ने साथ ही कहा कि ब्रेन मैपिंग, पॉलीग्राफ जांच, नार्को टेस्ट और मनोवैज्ञानिक जांच की रिपोटरें को अदालत के रिकार्ड में डालने की आवश्यकता नहीं है. इसके साथ न्यायाधीश ने अपने आदेश में साफ किया कि बचाव पक्ष के गवाह आरोपी द्वारा बताए पते पर नहीं पाए जाते हैं, तो अदालत ने उन्हें गवाही के लिए दोबारा नहीं बुलाएगी.