जांच एजेंसी ने कहा कि सेशन कोर्ट के निर्देश के मुताबिक ही जांच करके उसने क्लोजर रिपोर्ट दी. अप्रैल 2013 में कोर्ट ने सीबीआई की पिछली क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए मामले की दोबारा जांच करने के निर्देश दिए थे. गौरतलब है कि टाइटलर को मामले में दो बार क्लीन चिट मिल चुकी है.
सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट के बाद बुधवार को कोर्ट ने शिकायतकर्ता लखविंदर कौर को 27 मार्च को पेश होने का नोटिस दिया. लखविंदर के पति बादल सिंह की दंगों में मौत हो गई थी.
पीड़ितों के वकील एचएस फूलका ने क्लोजर रिपोर्ट पर असंतोष जताते हुए कहा, 'यह काम चोरी-छिपे क्यों किया जा रहा है. यहां तक कि शिकायतकर्ता को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई. इसका मतलब है कि कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट गुपचुप तरीके से स्वीकार कर ली जाए, ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं. '
उन्होंने कहा कि क्लोजर रिपोर्ट 24 दिसंबर 2014 को फाइल की गई थी और उन्हें आज इसका पता चला, जबकि पीड़ित को तो अब तक नहीं बताया गया. मामले पर दिल्ली के AAP विधायक जरनैल सिंह ने केंद्र सरकार पर पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया है.