CBI ने GainBitcoin घोटाले की जांच के तहत देशभर में छापेमारी कर 23.94 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी जब्त की है. यह कार्रवाई 25 और 26 फरवरी को 60 स्थानों पर की गई, जिसमें दिल्ली, मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, चंडीगढ़ और अन्य शहरों में छापे मारे गए. जांच एजेंसी ने कई हार्डवेयर क्रिप्टो वॉलेट, 121 दस्तावेज, 34 लैपटॉप और हार्ड डिस्क, 12 मोबाइल फोन और कई चैट और ईमेल डेटा जब्त किए हैं. सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है ताकि धोखाधड़ी और संभावित अंतरराष्ट्रीय लेन-देन का खुलासा हो सके.
कैसे हुआ यह घोटाला?
CBI के अनुसार, 2015 में लॉन्च हुआ यह घोटाला Variable Tech Pvt. Ltd नाम की कंपनी के जरिये चलाया गया था. इसका मास्टरमाइंड अमित भारद्वाज (अब मृत) और उसका भाई अजय भारद्वाज था. लोगों को Bitcoin में हर महीने 10% रिटर्न देने का लालच दिया गया. निवेशकों को बाहरी एक्सचेंज से बिटकॉइन खरीदने और GainBitcoin के क्लाउड माइनिंग कॉन्ट्रैक्ट में जमा करने को कहा गया.
यह घोटाला मल्टी-लेवल मार्केटिंग (MLM) के जरिए चलाया गया, जो पिरामिड स्कीम की तरह काम करता था. शुरू में निवेशकों को Bitcoin में भुगतान किया गया, जिससे यह वैध लगने लगा. लेकिन 2017 के बाद जब निवेश में गिरावट आई, तो कंपनी ने Bitcoin की जगह अपनी बनाई क्रिप्टोकरेंसी MCAP में भुगतान शुरू कर दिया, जिसकी कीमत बेहद कम थी.
सुप्रीम कोर्ट ने CBI को सौंपी जांच
घोटाले की व्यापकता को देखते हुए देशभर में कई FIR दर्ज हुईं, जिनमें जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल तक की पुलिस शामिल थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच CBI को सौंप दी, ताकि पूरे घोटाले का खुलासा किया जा सके और अंतरराष्ट्रीय लेन-देन की भी जांच हो. CBI पूरी जांच कर रही है ताकि सभी दोषियों की पहचान की जा सके और घोटाले में लूटी गई रकम को ट्रैक किया जा सके. इस घोटाले के जरिए कई करोड़ रुपये विदेशों में भेजे जाने की भी आशंका है.