दिल्ली में सीसीटीवी कैमरा टेंडर मामले में गड़बड़ी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस मुद्दे पर दिल्ली कांग्रेस लगातार आक्रामक बनी हुई है और प्रदेश पार्टी के शीर्ष नेताओं ने आप सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि 24 घंटे के अंदर निजी कंपनी का नाम सार्वजनिक करे. साथ ही सीबीआई जांच की मांग भी की गई.
प्रदेश कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेता अरविंदर सिंह लवली, डॉक्टर एके वालिया और हारुन यूसुफ ने गुरुवार को पीसी कर आम आदमी पार्टी सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा किया. इससे पहले दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आम आदमी पार्टी सरकार पर तमाम आरोप लगाए.
निजी कंपनी का नाम उजागर हो
दिल्ली सरकार में मंत्री रहे लवली ने कहा कि यदि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में सीसीटीवी कैमरा लगवाने के लिए सार्वजनिक कंपनी के साथ-साथ जिस निजी कंपनी के साथ करार किया है, उसका नाम 24 घंटे में उजागर करे नहीं तो दिल्ली कांग्रेस उस कंपनी का नाम सार्वजनिक करेगी जिसका फायदा यह सरकार उठाना चाह रही थी.
लवली ने कहा कि सीसीटीवी कैमरा टेंडर में जीएफआर का साफतौर पर उलंघन किया गया है. जीएफआर किसी भी मंत्री या सरकार से ऊपर होता है, जो भी मंत्री और प्रशासनिक अधिकारी देश में जेल गए उन सभी ने जीएफआर का ही उल्लंघन किया था.
लवली ने मांग करते हुए कहा कि सीसीटीवी कैमरा टेंडर घोटाले की जांच सीबीआई से करवाई जाए. दिल्ली सरकार को सीबीआई की ओर से क्लीन चिट मिलती है तो कांग्रेस पार्टी उनसे माफी मांगेगी, यदि दिल्ली सरकार इस मामले में दोषी पाई जाती है तो उन्हें दिल्ली की जनता को गुमराह करने के लिए माफी मांगनी होगी और त्यागपत्र देना होगा.
सिर्फ छींटाकशी ही काम
डॉक्टर एके वालिया ने कहा कि आप की दिल्ली सरकार केवल छींटाकशी करने का काम करती है और कोई कार्य धरातल पर नहीं करती. सीसीटीवी कैमरा लगाने के वक्त ऐहतियात बरतना जरुरी है क्योंकि ये कैमरे पूरी दिल्ली में लगाए जाने हैं.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री हारुन यूसुफ ने कहा कि सीसीटीवी कैमरे के मामले में यह बहुत बड़ी कमी है क्योंकि कैबिनेट की मंजूरी से पहले ही एएमसी फाइनल कर लिया गया. निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए यह सारा ड्रामा क्यों किया गया?