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सर्जिकल और बालाकोट स्ट्राइक में जनरल बिपिन रावत का था अहम योगदान... दिवंगत जनरल को याद कर बोले CDS जनरल अनिल चौहान

जनरल बिपिन रावत की 66वीं जयंती पर याद कर श्रद्धांजलि देते हुए सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि जो सपना देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने देखा था. अब हम सब मिलकर उसको पूरा करेंगे.

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CDS जनरल अनिल चौहान ने दिवंगत जनरल बिपिन रावत को किया याद.
CDS जनरल अनिल चौहान ने दिवंगत जनरल बिपिन रावत को किया याद.

जनरल बिपिन रावत की 66वीं जयंती पर दिल्ली में डॉ भीमराव अम्बेडकर सेंटर के समरसता सभागार में जीबीआर फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने तृतीय मेमोरियल लेक्चर का आयोजन किया. कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलित कर गया, जिसके बाद सीडीएस जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि अर्पित की.

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इस कार्यक्रम में सीडीएस जनरल बिपिन रावत के ऊपर एक डाक्यूमेंट्री भी प्रदर्शित की गई, जिसमें उनके जीवन और मिशन को दिखाया गया है. इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, सीडीएस जनरल अनिल चौहान, जीबीआर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष आरकेएस भदौरिया और दिवंगत जनरल बिपिन रावत की बेटी तारिणी रावत मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए.

इस दौरान  जीबीआर मेमोरियल फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एवं पूर्व वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने फाउंडेशन के विजन और आगे की योजनाओं पर अपनी बात रखते हुए कहा कि यह फाउंडेशन जनरल बिपिन रावत के दूरगामी लक्ष्यों को पूरा करने का एक प्रयास है.

'मिलकर पूरा करेंगे जनरल बिपिन रावत का मिशन'

सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि जो सपना देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने देखा था. हम सब मिलकर उसको पूरा करेंगे. आज तीनों सेनाओं के बीच जो तालमेल बन रहा है. उसके पीछे जनरल रावत जी का ही दृष्टिकोण था.

उन्होंने कहा कि देश की पहली सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट स्ट्राइक में भी जनरल बिपिन रावत का अहम योगदान था. पाकिस्तान के साथ मैनेज करने में भी उनका बड़ा योगदान रहा है. जनरल बिपिन रावत का रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण में भी एक महत्वपूर्ण योगदान था. पिछले पांच-छह साल से थलसेना, वायुसेना और नौसेना में स्वदेशी हथियारों को जो तरजीह दी जा रही है, इसका एक बड़ा श्रेय भी उन्हें ही जाता है.

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'धीरे-धीरे आगे बढ़ा रहे हैं जनरल बिपिन रावत की सोच'

वहीं, कार्यक्रम में एनएसए अजीत डोभाल ने कहा कि जनरल बिपिन रावत ने अपना पूरा जीवन सशस्त्र सेनाओं और संपूर्ण राष्ट्र को समर्पित कर दिया. उनकी अकाल मृत्यु के कारण देश ने एक महान देशभक्त, एक बहादुर जनरल और एक दूरदृष्टा मिलिट्री रणनीतिकार खो दिया. अपनी सशस्त्र सेनाओं को रूपांतरित करने और राष्ट्र-निर्माण के उनके दूरदर्शी सपनों को पूरा करने के हमें प्रयास करने चाहिए. वह सेनाओं में कई बदलाव करना चाहते थे. उन्हें अब हम धीरे-धीरे कर रहे हैं.

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथियों द्वारा जीबीआर फाउंडेशन ऑफ इंडिया को लॉन्च किया. जीबीआर मेमोरियल फाउंडेशन से जुड़े लोगों का मानना है कि जनरल बिपिन रावत सिर्फ एक व्यक्ति का नाम नहीं बल्कि देश सेवा में जुटी एक संस्था और विजन का नाम है. जनरल बिपिन रावत ने पूरा जीवन देश की सेनाओं और युवाओं को कैसे राष्ट्र निर्माण से जोड़ना है, इस मिशन में लगा दिया था. यह उन्हीं की सोच का फल है कि आज हमारी तीनों सेनाएं तालमेल के साथ देश की रक्षा में तत्पर हैं.

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